अर्का रक्षक किस्म की खासियत
टमाटर की इस किस्म के फल 75 से 80 ग्राम के होते हैं. इसकी खेती खरीफ और रबी, दोनों मौसम में की जा सकती है. यह किस्म फसल को 140 से 150 दिनों में तैयार कर देती है. इससे प्रति एकड़ 40 से 50 टन पैदावार प्राप्त होती है.
रोग प्रतिरोधक है किस्म
टमाटर की यह किस्म सबसे ज्यादा उपज देती है, साथ ही इसमें प्रतिरोधक क्षमता मौजूद होती है. यह पौधों में लगने वाले 3 तरह के रोग, पत्तियों में लगने वाले कर्ल वायरस, विल्ट जिवाणु और फसल के शुरूआती दिनों में लगने वाले विल्ट जिवाणु से सफलतपूर्वक लड़ सकती है.
खेती की लागत होती है कम
वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे कवक और कीटनाशकों पर होने वाली लागत की बचत होती है. इस किस्म से टमाटर की खेती में लगने वाली लागत को 10 प्रतिशत कम किया जा सकता है. बता दें कि अन्य सामान्य किस्मों की उपज को 6 दिनों तक रखा जा सकता है, तो वहीं संकर किस्म की उपज को 10 दिनों तक रख सकते हैं, लेकिन अर्क रिकार्ड किस्म की उपज को 15 दिनों तक आसानी से रखा जा सकता है.
कहां उगाई जाती है किस्म?
टमाटर की इस किस्म को आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा उगाया जाता है. यह किस्म सबसे ज्य़ादा कर्नाटक में उगाया जाता है, जिससे यह राज्य में सबसे ज्यादा उपज देने वाली किस्म साबित हुई है. रिकार्ड है कि टमाटर की संकर किस्मों के पौधों से सबसे ज्यादा उपज 15 किलो तक प्राप्त हुई है, लेकिन अर्का रक्षक किस्म से टमाटर का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 190 टन तक हुआ है.
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