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भारतीयों के लिए बुरी खबर, सरकार ने बनाया 10 लाख कौवों को मारने का प्लान, जानिए वजह

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Indian Crows: एक तरफ भारत में पक्षियों को बचाने के लिए बड़ी बड़ी मुहीम चलाई जा रही हैं तो वहीं अफ्रीकी देश केन्या की सरकार ने एक अजीबों गरीब फैसला ले लिया है। दरअसल केन्या की सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए 2024 के अंत तक 10 लाख भारतीय कौवों को मारने का प्लान बना लिया है। जिससे की अब कई पर्यावरणविद इस फैसले के विरोध में हो गए हैं। लेकिन आखिर क्यों कैन्या की सरकार भारतीए कौवों की दुश्मन बन गई है? आखिर क्यों वो अपने देश में इतनी बड़ी मात्रा में भारतीय कौवों को मारने का प्लान बना रहे हैं? आईए जानते हैं।

Indian Crows
Indian Crows

आपकी जानकारी के लिए बता दें की केन्या में कौवों (Indian Crows) की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। कौवों की इस बढ़ती संख्या के कारण वहां के लोग काफी परेशान हो गए हैं। जिस कारण सरकार ने 2024 के अंत तक देश के तटीय इलाकों से लगभग 10 लाख कौवों को मारने का आदेश दे दिया है। सरकार के मुताबिक, ये कौवे भारतीय मूल के हैं और इनकी संख्या काफी बढ़ गई है जिस कारण इन्होंने अब लोगों के साथ साथ अन्य पक्षियों को भी परेशान करना शुरू कर दिया है। जिसके कारण अब केन्या की सरकार ने इन कौवों के खिलाफ एक जंग छेड़ दी है।  इस बारे में केन्या वाइल्डलाइफ सर्विस  का कहना ​​है कि ये ‘भारतीय मूल के कौवे’ विदेशी पक्षी हैं, जो कई दशकों से यहां के लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं।

कौवों ने किया केन्या को परेशान 

Indian Crows
Indian Crows

केन्या के कुछ पक्षी विशेषज्ञों की माने तो भारतीय कौवे (Indian Crows) देश में दूसरी प्रजाति के पक्षियों के लिए खतरा बन गए हैं। बड़ी संख्या में मौजूद कौवे दूसरे पक्षियों के घोंसले तोड़ देते हैं उनके अंडों और चूजों को खा जाते हैं। जिससे की पक्षियों की कई प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा बढ़ गया है। इसके साथ ही ये कौवे समुद्र तट के इलाकों के दूसरे छोटे पक्षियों को भी काफी परेशान करते हैं जिससे की कीड़े मकौड़ों की संख्या बढ़ रही है और वातावरण का माहौल भी बिगड़ रहा है।

Indian Crows बिगाड़ रहे अर्थव्यवस्था 

Indian Crows
Indian Crows

केन्या की सरकार के मुताबाकि भारतीय मूल के कौवों (Indian Crows) के कारण उनकी अर्थव्यवस्था  बिगड़ रही है। सरकार के मुताबिक कौवों की संख्या में लगातार हो रहा इजाफा वहां आने वाले पर्यटकों और होटल इंडस्ट्री के लिए परेशानियों का कारण बन रहा है। बता दें कि यहां ये कौवे होटलों की छतों और खिड़कियों को गंदा कर देते हैं साथ ही ये समुद्र के किनारे घूमने आए पर्यटकों को भी परेशान करते हैं जिस कारण सैलानियों को अगर कुछ खाना होता है तो वो छुपछुपकर खाते हुए नजर आते हैं। इन सब बातों का असर वहां के टूरिज्म सेक्टर पर पड़ रहा है। और देश में लगातार कम हो रहे पर्यटकों के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है।

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