भोजन में फल- साग, क्षारीय उत्पादक चीज़ो के कम खाने, अधिक अम्लीय पदार्ध एवं नमक खाने, अनुचित खान-पान और कब्ज रहने से रक्त दूषित हो जाता है। रक्त अशुद्ध होने पर किसी भी रूप में नमक ना खाएं। चीनी के स्थान पर गुड का सेवन करना चाहिए। विटामिन ‘सी’, लोहा, कैल्शियम ये सभी रक्तशोधक है। खून को प्राकृतिक तरीके से साफ़ करने के लिए इन आहारो को अपने भोजन में ज़रूर शामिल करें।
ख़ून की सफ़ाई और डीटाक्स के 15 आसान घरेलु उपाय :
- आंवला : आंवला रक्त में बढ़ी हुई गर्मी को कम करता है। रक्त में जमा मल, विष को दूर कर रक्त शुद्ध करता है। मांस में गर्मी बढ़ा कर मांस के मल को जलाता है। पेशी कोषों को शुध्द करता है। आंवला हर प्रकार शरीर की हर चीज़ की सफाई करता है। चर्म रोगों में लाभदायक है। यह विटामिन ‘सी’ का भण्डार है। नया रक्त बनाता है।
- बेल : बेल का चूर्ण और देशी बूरा सामन मात्रा में मिला कर पानी से फँकी ले। रक्त साफ़ हो जायेगा।
- दूध : कच्चे दूध की लस्सी पीने से रक्त शुद्ध रहता है। चार दिन दूध में शहद डालकर पीएँ।
- निम्बू : नीम्बू रक्त को शुद्ध करता है। नीम्बू को फीके गरम पानी में दिन में तीन बार पीना चाहिए। पानी, चाय की तरह गर्म होना चाहिए। या एक नीम्बू के चार टुकड़े कर लें। चार कप दूध भर लें। एक कप दूध में एक टुकड़ा नीबू का निचोड़ कर तुरंत पी जाएँ। हर दस मिनट बाद दूध के अन्य कप व नीबू इसी प्रकार एक-एक कर पीते जाएँ। पांच सप्ताह नियमित इस प्रकार नीबू का प्रयोग करने से रक्त साफ होकर शरीर में शक्ति आएगी। भूख अच्छी लगेगी। कब्ज दूर होगी। बेचैनी दूर होगी।
- आम : एक कप आमरस, एक चौथाई दूध, एक चम्मच अदरक का रस, मिश्री स्वाद के अनुसार मिला कर नित्य पीना चाहिए। यह रक्तशोधक है। एक कप आमरस में आधा कप दूध, एक चम्मच घी, दो चम्मच अदरक का रस मिलाकर नित्य जब तक आम मिलते रहें, पीते रहें। इससे स्वास्थय अच्छा रहेगा तथा रक्त साफ़ होगा।
- मुनक्का : 25 ग्राम मुनक्के रात को पानी में भिगों दें। इन्हे प्रात: पीसकर एक कप पानी में घोलकर प्रतिदिन पीते रहने से रक्त साफ़ होता है।
- ग्वारपाठा (एलोवेरा) : ग्वारपाठा रक्तशोधक है। ग्वारपाठे का ताज़ा रस 25 ग्राम शहद 12 ग्राम और आधे निम्बू का रस मिलाकर दो बार सुबह शाम पीना चाहिए।
- करेला : 60 ग्राम करेले का रस एक कप पानी में मिलाकर नित्य कुछ दिन तक सेवन करने से शरीर का दूषित रक्त साफ़ हो जाता है।
- मेहँदी : मेहँदी रक्त की सफाई करती है। रात को मेहँदी स्वच्छ पानी में भिगो दें, सवेरे निथार कर पानी पियें।
- हल्दी : आधा चम्मच हल्दी, एक चम्मच पिसा हुआ आंवला मिला कर गर्म पानी से फंकी लेने से रक्त साफ़ होता है।
- प्याज : प्याज का रस एक चौथाई कप और एक निम्बू का रस या शहद मिला कर दस दिन नित्य पीने से रक्त विकार दूर होकर रक्त शुद्ध होता है। प्याज का ताज़ा रस आधा कप, गाजर का रस एक कप, पालक का रस एक कप ये तीनो मिलाकर नित्य प्रात: भूखे पेट पीने से रक्तविकार दूर होकर रक्त साफ़ हो जाता है।
- नीम : नीम की पाकी हुयी दस निम्बोली नित्य चूसने से रक्तविकार ठीक हो जाता है। नीम के पत्ते, फूल, निम्बोली छाल और जड़ सबको छाया में सुखाकर पीस लें। चौथाई चम्मच प्रतिदिन इसकी पानी से फंकी लें। इससे हर प्रकार का रक्त दोष ठीक हो जायेगा। लम्बी आयु तक जीवन स्वस्थ रहेगा।
- आकड़ा : आकड़े के ताज़े फूल और काली मिर्च समान मात्रा में मिलाकर, पीस कर मटर के दाने के बराबर गोलियां बना कर सुख लें। एक एक गोली चार बार रोज़ाना पानी से दो महीने तक लें।
- गोभी : गोभी में गंधक बहुत मिलता है। गंधक खुजली, कुष्ठ, आदि चर्म रोगों में लाभदायक है। गोभी रक्तशोधक है अत: इसे भाप में उबालकर खाना चाहिए। यह पानी में उबालने से गैस उत्पन्न करती है।
- टमाटर : लाल टमाटर का रस सुबह शाम एक एक गिलास पीने से रक्त साफ़ होता है। चर्म पर होने वाली छोटी छोटी फुंसियां, खुजली, त्वचा का रूखापन, सूखापन, तथा लाल चकते दूर हो जाते हैं।
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