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मोदी विरोध या देश के साथ 'गद्दारी' ? खुद कांग्रेस के नेता बोल रहे 'बस करो राहुल जी बहुत हो गया!'



कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस बार अपनी अमेरिका यात्रा में एक भारतीय नागरिक के रूप में सारी मर्यादाएं तार-तार कर दी हैं। पहले उन्होंने भारत में सिखों की स्थिति को लेकर बहुत ही भड़काऊ, आपत्तिजनक और बेसिर पैर की बातें कीं। फिर भारत-विरोधी अमेरिकी सांसद के तौर पर कुख्यात इल्हान उमर से मुलाकात करके अपने बहुत ही खौफनाक मंसूबों का संकेत दे दिया। आज की तारीख में राहुल गांधी एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर हैं। लेकिन, उन्होंने फिर से साबित कर दिया है कि वह ऐसे पद की जिम्मेदारी उठाने के लिए मानसिक तौर पर तैयार नहीं हुए हैं। राहुल गांधी की हरकतों पर पूरी दुनिया के भारतवंशी सन्न हैं। देश में इसका बहुत ही ज्यादा विरोध भी हो रहा है। सिखों को लेकर राहुल ने दिया बेहद भड़काऊ बयान पहले बात करें भारत में सिखों की स्थिति पर दिए गए उनके मनगढ़ंत बयान की। उन्होंने अमेरिका के वर्जीनिया में सिखों की मौजूदगी वाले एक कार्यक्रम में एक सिख पत्रकार की ओर इशारा करते हुए कहा 'क्या आपको सिख होने के नाते भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत होगी? आपको कड़ा पहनने की अनुमति मिलेगी? क्या सिख गुरुद्वारा में जा सकेंगे?

विरोधी दल के नेता से भारत विरोधी नेता क्यों बन गए राहुल गांधी? यह बयान देते वक्त राहुल को इस बात की चिंता जरा भी नहीं हुई कि ऐसा कहकर वह विरोधी दल के नेता से भारत विरोधी नेता बनने की ओर बढ़ रहे हैं। क्योंकि, उनके बयान को खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने फौरन लपक लिया और उसके सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू को अपना भारत-विरोधी एजेंडा आगे करना का मौका मिल गया। सिख पत्रकार ने बताया उस कार्यक्रम में क्या हुआ था? राहुल गांधी ने भलिंदर वीरमानी नाम के जिस सिख पत्रकार से उनका नाम पूछकर यह विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने एक टीवी चैनल को पूरे मामले के बारे में जो कुछ बताया है, वह तो कांग्रेस नेता के लिए और भी ज्यादा शर्मनाक है। राहुल ने जो कहा वह बिल्कुल गलत है- कार्यक्रम में मौजूद सिख पत्रकार वीरमानी का कहना है, 'मेरा नाम पूछकर उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में सिखों को आजादी नहीं है... वे न तो पगड़ी पहनकर गुरुद्वारों में जा सकते हैं, न कड़ा पहन सकते हैं...इस तरह की कई और कड़वी बातें उन्होंने कहीं......उनका मानना था कि भारत में ये जो धार्मिक चिन्ह हैं उनपर आजादी नहीं है....उन्हें पहनने की आजादी नहीं है, जो कि बिल्कुल ही गलत है....' वे आगे बोले, 'मैं उनसे पूछना चाहता था कि आप ऐसा क्यों कह रहे हैं, मैं भारत का ही हूं और यहां कुछ समय के लिए आया हुआ हूं....लेकिन भारत में मुझे कभी ऐसी कोई प्रॉब्लेम नहीं फेस करनी पड़ी.....मैं गुरुद्वारों में भी जाता हूं...लोगों से भी मिलता हूं....।'

पाकिस्तान परस्त अमेरिकी सांसद के साथ राहुल की बैठक इसी तरह से राहुल गांधी को अमेरिका में एक और भारत-विरोधी एजेंडा को आगे बढ़ाने का मौका मिला। उन्होंने भारत-विरोध के लिए कुख्यात अमेरिकी सांसद इल्हान उमर के साथ बैठक की और पता नहीं किस बात का गौरव करते हुए तस्वीरें भी खिंचाव लीं। जबकि, इल्हान वही अमेरिकी नेता हैं जिन्हें पाकिस्तान सरकार ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (PoK) भेजा था। रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कई ऐसे बयान दिए हैं, जो सीधे या परोक्ष रूप से मुस्लिम ब्रदरहूड और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रति सहानुभूति रखने वाले हैं। 'बस करो नेताजी बहुत हो गया!' कांग्रेस में शायद ही आज कोई बचा है जो राहुल गांधी के भारत-विरोध मानसिकता पर सवाल भी कर सके। लेकिन, मध्य प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने जरूर थोड़ी-बहुत हिम्मत दिखाने की कोशिश की है। एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने एक्स पर लिखा है, 'लोकसभा में नेता विरोधी दल राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा विवादों में घिरती नजर आ रही है। उन्होंने भारत विरोधी अमेरिकी सांसद इल्हान उमर से भी मुलाकात की है। बस करो नेताजी बहुत हो गया!!'

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