
Dubai News: दुबई के टेकॉम इलाके से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पार्किंग की जगह को लेकर दो लोगों के बीच बहस ने हिंसक रूप ले लिया. यह विवाद एक भारतीय और पाकिस्तानी नागरिक के बीच हुआ, जिसमें बात इतनी बढ़ गई कि पाकिस्तानी नागरिक पर कानूनी कार्रवाई करनी पड़ी. हैरानी की बात यह है कि यह घटना बीते साल 8 फरवरी 2023 की है, लेकिन इसका मामला अब चर्चा में आया है. विवाद के कारण पाकिस्तानी नागरिक को कोर्ट ने देश छोड़ने का आदेश भी दिया है. यह घटना सोशल मीडिया और स्थानीय समाचारों में तेजी से वायरल हो रही है.
पार्किंग के लिए भीड़ पाकिस्तानी और भारतीय नागरिक
इस घटना में 70 वर्षीय पाकिस्तानी व्यक्ति और 34 वर्षीय भारतीय नागरिक शामिल थे, जो एक ही बिल्डिंग में रहते थे. विवाद तब शुरू हुआ जब पाकिस्तानी शख्स ने पार्किंग की एक जगह पर अपना दावा जताया, जहां भारतीय नागरिक अपनी गाड़ी पार्क करना चाहता था. पार्किंग को लेकर शुरू हुई मामूली बहस जल्द ही जोरदार लड़ाई में बदल गई. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि 70 वर्षीय पाकिस्तानी शख्स ने गुस्से में भारतीय नागरिक को जमीन पर धकेल दिया. इस घटना के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज हुई और मामला अदालत तक पहुंच गया, जहां पाकिस्तानी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई.
पाकिस्तानी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया.
इस घटना के बाद अधिकारियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और दोनों व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया. इसके बाद मामला दुबई क्रिमिनल कोर्ट तक पहुंचा, जहां फोरेंसिक सबूत और गवाहों की गवाही पेश की गई. इनमें घायल भारतीय नागरिक के बयान और मौके पर मौजूद जांचकर्ता की रिपोर्ट भी शामिल थी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान 70 वर्षीय पाकिस्तानी व्यक्ति ने भारतीय नागरिक को धक्का देने की बात स्वीकार की, लेकिन यह भी दावा किया कि उसे ऐसा करने के लिए उकसाया गया था। हालांकि, अदालत ने घटना के सभी पहलुओं की समीक्षा की और पाकिस्तानी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया.
मिला देश छोड़ने का आदेश
कोर्ट ने पूरे मामले में सबूतों और गवाहों को सुनने और देखने के बाद पाकिस्तानी व्यक्ति को फिजिकल अटैक और भारतीय नागरिक को स्थायी विकलांगता पहुंचाने का दोषी पाया. इसके परिणामस्वरूप, पाकिस्तानी व्यक्ति को तीन महीने की जेल की सजा सुनाई गई और सजा पूरी होने के बाद उसे देश से निर्वासित कर दिया गया. वहीं, भारतीय नागरिक के खिलाफ लगाए गए आरोपों को कम गंभीर माना गया. मामले की गहराई से जांच के लिए इसे आगे की कार्यवाही के लिए स्थानांतरित कर दिया गया. इस घटना ने दुबई में नियमों के पालन और आपसी विवादों को सुलझाने के सही तरीके की अहमियत को फिर से उजागर किया.