
Uttarakhand Nikay Chunav News: उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. बीजेपी प्रत्याशियों के संभावित नामों लेकर मंथन में जुटी है. पार्टी पर्यवेक्षक उम्मीदवारों का पैनल तय करेंगे. वहीं निकायों में घोषित आरक्षण पर दो दिन के भीतर ही रिकॉर्डतोड़ आपत्तियां आई हैं. दूसरी ओर निकाय चुनाव में नियम तोड़ने वाले भी चुनाव लड़ सकेंगे. चुनाव आयोग से 2018 में खर्च का ब्योरा न देने वालों को बड़ी राहत मिली है.
खर्च का ब्योरा न देने वालों को राहत
2018 में निकाय चुनाव हुए थे, इसमें खर्च का ब्योरा नहीं देने वाले उम्मीदवारों पर कार्रवाई हुई थी. पहले खर्च का ब्योरा नहीं देने पर 6 साल चुनाव लड़ने का प्रतिबंध था. लेकिन अब इसे कम कर 3 साल कर दिया गया है. नियम बदलने से खर्च का ब्योरा नहीं देने वालों को बड़ी राहत मिलेगी.
आरक्षण पर रिकॉर्डतोड़ आपत्तियां
निकाय चुनाव में घोषित आरक्षण पर दो दिन के भीतर ही रिकॉर्डतोड़ आपत्तियां आई हैं. नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के पदों के आरक्षणों पर तीन दिन के भीतर 181 आपत्तियां आई हैं. दो दिन में 55 आपत्ति आने के बाद तीसरे दिन 126 आपत्ति आईं. 21 दिसंबर तक शहरी विकास विभाग ने आपत्तियां मांगी हैं. कई जगह निकायों में आरक्षण से लोग खुश नहीं हैं.
बीजेपी प्रत्याशियों का पैनल होगा तय
भाजपा के निकाय चुनाव के लिए नियुक्त पर्यवेक्षक प्रत्याशियों का पैनल तय करेंगे. भाजपा ने 11 नगर निगम 43 नगर पालिका और 46 नगर पंचायत के लिए पर्यवेक्षक बनाए हैं. आज से पर्यवेक्षक काम शुरू करेंगे और 3 दिन के भीतर प्रत्याशियों का पैनल प्रदेश नेतृत्व को देंगे. पर्यवेक्षकों को 21 दिसंबर तक संभावित नाम के साथ रिपोर्ट देनी होगी.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का अल्टीमेटम
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने निकाय चुनावों में तय आरक्षण पर सार्वजनिक बयानबाजी से बचने की सलाह दी है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इसको लेकर आदेश जारी किया है. कहा राज्य सरकार ने सभी वैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए निकाय चुनाव को लेकर आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की है. लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है. किसी को भी आरक्षण के संबंध में आपत्ति है, तो इसके लिए तय व्यवस्था के तहत कार्रवाई करें. सुर्खियों में रहने के लिए की जारी बयानबाजी उचित नहीं है.