US के लिए खतरा; अमेरिका ने भांप ली पाकिस्‍तान की नापाक मंशा, कहा-कायदे में रहो, वरना…….

Danger for the US; America sensed Pakistan's evil intentions, said- stay within the rules, otherwise....

America Pakistan: पाकिस्‍तान अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए कितना भी चोरी-छिपे काम कर ले लेकिन दुनिया की नजरों से बच नहीं पाएगा. कभी उसका सहयोगी और मददगार रहा अमेरिका भी उसकी बुरी नियत समझ चुका है और खुलकर दुनिया को भी बता रहा है. अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने जो बयान दिया है, उसने पाकिस्‍तान के नापाक इरादों को दुनिया के सामने जाहिर कर दिया है कि वो किस तरह पूरी दुनिया की सुरक्षा को बुरी तरह खतरे में डाल रहा है.

बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम का क्‍या मकसद?

अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने कहा है कि इस्लामाबाद के आचरण ने उसके बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के उद्देश्यों पर वास्तविक सवाल खड़े कर दिए हैं. क्‍योंकि पाकिस्‍तान के ये मिसाइल सिस्‍टम इतने खतरनाक हद पर पहुंच चुके हैं कि वो अमेरिका को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे हालात पाकिस्‍तान के इरादों पर सवाल उठा रहे हैं.

पाकिस्‍तान की क्षमता पर लगाम लगाना जरूरी

कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने कहा कि परमाणु खतरों को कम करने और अनिश्चित दुनिया के लिए अमेरिकी परमाणु हथियारों और अप्रसार नीति को अनुकूलित करने के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं.

दक्षिण एशिया के बाहर भी कर सकेगा हमला

हाल ही में पाकिस्तान ने तेजी से परिष्कृत मिसाइल तकनीक विकसित की है. इसमें लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल प्रणालियों से लेकर ऐसे उपकरण तक शामिल हैं जो काफी बड़े रॉकेट मोटर्स का परीक्षण करने में सक्षम होंगे. यदि ऐसा जारी रहा तो पाकिस्तान के पास दक्षिण एशिया से बाहर भी टारगेटेड हमला करने की क्षमता होगी. यानी कि पाकिस्‍तान अपनी धरती से दक्षिण एशिया के बाहर निशाना लगाकर हमला करने में सक्षम होगा. जाहिर है ये पाकिस्‍तान का ये रवैया और उसकी क्षमताएं अमेरिकी सुरक्षा के लिए खतरा दर्शाती हैं.

नया उभरता खतरा

फाइनर ने कहा कि ऐसे देश जिनके पास परमाणु हथियार और अमेरिका तक पहुंचने की मिसाइल क्षमता हो वे बहुत कम हैं. जैसे-रूस, उत्तर कोरिया और चीन. लेकिन अब पाकिस्‍तान भी संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका के लिए एक नया उभरता हुआ खतरा है. लेकिन उसकी ताकत बढ़ाने की मंशा यह सवाल खड़े कर रही है कि पाकिस्तान ऐसा क्यों करेगा, क्योंकि अमेरिका पाकिस्तान का सहयोगी है.

मुश्किल समय में मदद की, अब पाकिस्‍तान…

फाइनर ने कहा कि हमारे प्रशासन ने वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ इन चिंताओं को बार-बार उठाया है. हम आतंकवाद विरोधी विकास और काफी संवेदनशील मुद्दों सहित अन्य सुरक्षा मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ लंबे समय से भागीदार भी रहे हैं. हमने कठिन समय में इस्लामाबाद को सहायता भी भेजी है और हम आगे भी साझा हितों के लिए ऐसा करेंगे. तब ऐसे में पाकिस्‍तान द्वारा उन क्षमताओं को विकसित करना जिनका उपयोग हमारे ही खिलाफ किया जाए, यह आश्‍चर्यजनक और चिंताजनक सवाल है.

…इसलिए अमेरिका ने लगाए प्रतिबंध

फाइनर ने कहा कि पाकिस्तान की इसी संदिग्‍ध मंशा को देखते हुए अमेरिका ने उस पर कई प्रतिबंध लगाए. लेकिन पाकिस्‍तान ने अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को समझने में विफल रहा है और अपनी क्षमताओं को आगे बढ़ाना जारी रखे हुए है. फाइनर ने ये बयान अमेरिका द्वारा पाकिस्‍तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को मदद देने वाली 4 संस्‍थाओं पर प्रतिबंध लगाने के 1 दिन बाद ही दिया है.

पाकिस्‍तान पर बनाए रखेंगे दबाव

इसके साथ ही अमेरिका ने यह कहकर साफ कर दिया है कि वो पाकिस्‍तान को उसके नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं होने देगा और उस पर दबाव बनाकर रखेगा. फाइनर के कहा, ”सीधे शब्दों में कहें तो, हम पाकिस्तान पर उसके लंबी दूरी के मिसाइल कार्यक्रम को लेकर दबाव बनाए रखेंगे, साथ ही हम अपनी चिंताओं को दूर करने के लिए राजनयिक समाधान भी तलाशते रहेंगे और हम हर दूसरे देश को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. ताकि पाकिस्‍तान की क्षमताएं काबू में रहें और दुनिया के लिए खतरा ना बनें. क्‍योंकि यह सुनिश्चित करना सभी के हित में है कि दुनिया में सामूहिक विनाश के हथियार सीमित हों.”

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