छत्तीसगढ़ में बड़ा फैसला, दलहन तिलहन, गेहूं पर मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में छूट…

Big decision in Chhattisgarh, exemption in Mandi fee and Farmer Welfare fee on pulses, oilseeds, wheat

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने दलहन-तिलहन, गेहूं पर मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में 13 मार्च 2024 से 31 मार्च 2026 तक पूर्णतः छूट दी है. साय सरकार के इस निर्णय से छत्तीसगढ़ के लाखों किसानों और दाल मिल, तिलहन मिल और फ्लोर मिलों के संचालकों के साथ ही व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा. चैंबर ऑफ कॉमर्स ने जताया आभार: छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार जताया है. छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमर परवानी ने कहा है कि यह निर्णय प्रदेश के व्यापारिक और कृषि क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है.

यह छूट प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी. व्यापारियों, किसानों के हितों की रक्षा करेगी. मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में छूट होने से व्यापारी पड़ोसी राज्यों से भी प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर व्यापार कर सकेंगे. इससे प्रदेश में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को भी उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा. – अमर परवानी, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स एसोसिएशन

उद्योग जगत और किसानों ने की तारीफ: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के इस फैसले को लेकर आमजनों और उद्योग जगत के लोगों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वित्तीय चुनौतियां होने के बावजूद प्रदेश की आम जनता के हक में उनकी सरकार ने यह फैसला किया है.

इस फैसले से प्रदेश के 30 हजार परिवारों का संरक्षण होगा. आम जनता को भी कम कीमत पर रोजमर्रा की वस्तुएं मिलती रहेंगी. – विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

”गेहूं का उत्पादन मांग के अनुरूप कम”: मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश में दलहन, तिलहन और गेहूं का उत्पादन मांग के अनुरूप कम है, जिससे प्रदेश के दाल मिल, तिलहन मिल और फ्लोर मिलों को अपने मिलों के संचालन के लिए अन्य प्रदेशों से दलहन, तिलहन, गेहूं का आयात करना पड़ता है.

बाजार में बढ़ेगी प्रतिस्पर्था: मंडी शुल्क से छूट दिये जाने पर प्रदेश की दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलें अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा कर पायेंगे और उपभोक्ताओं को कम कीमत पर दाले, तेल, आटा तथा मैदा प्राप्त होगा, जिससे घरेलू व्यय में बचत होगी और उपभोक्ता इस बचत से अपनी जीवनशैली में सुधार के लिए दूसरी जरुरी सामग्रियां खरीद सकेंगे. दाल मिल, तिलहन मिल और फ्लोर मिलों से करीब 30 हजार परिवारों को रोजगार मिलता है, जिनका सीधा संरक्षण ये फैसला करता रहेगा.

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