
संभल। संभल में शाही जामा मस्जिद के बगल में पुलिस चौकी बनेगी। इसका नाम सत्यव्रत पुलिस चौकी रखा गया है। शुक्रवार दोपहर पुलिस RAF (रैपिड एक्शन फोर्स) के साथ पहुंची। जगह चिह्नित कर नपाई करवाई। थोड़ी देर बाद मजदूरों और मिनी JCB से खुदाई भी शुरू कर दी गई।
24 नवंबर को यहीं पर जामा मस्जिद के सर्वे दौरान हिंसा हुई थी। इस दौरान गोली लगने से चार युवकों की मौत हो गई थी। हिंसा के बाद पुलिस ने यह कदम उठाए हैं।पुलिस अधिकारियों का कहना है- भविष्य में किसी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए पुलिस चौकी बनाई जा रही है। पुलिस चौकी में 24 घंटे पुलिस तैनात रहेगी।
चौकी का नाम सत्यव्रत क्यों रखा?
ऐसा कहा जाता है कि सतयुग में संभल का नाम ‘सत्यव्रत नगर’ था। चौकी का नाम संभल के पौराणिक इतिहास को ध्यान में रखते हुए रखा गया है।
मिनी जेसीबी से पुलिस चौकी की नींव खोदी जा रही है।
पुलिस चौकी को लेकर दो पक्ष सामने आए। एडिशनल एसपी के सामने दोनों ने अपने-अपने दावे किए। एक पक्ष का दावा है कि जमीन उनकी निजी है। वहीं दूसरे का दावा है कि जमीन वक्फ बोर्ड की है। यह भी कहा जा रहा है कि कुछ लोगों ने यह जमीन जामा मस्जिद को दी थी।
7 दिन से बावड़ी की खुदाई जारी, अब तक 16 सीढ़ियां मिलीं इधर, चंदौसी में आर्कियोलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के सर्वे के दौरान मिली बावड़ी की खुदाई 7वें दिन भी जारी है। अब तक खुदाई में 16 सीढ़ियां निकलकर सामने आई हैं। सीमेंट के खंभे भी मिले हैं।
खुदाई के दौरान 16 सीढ़ियां निकली हैं।
बावड़ी की खुदाई में 50 मजदूर लगे, कल सांप निकल आया था 3 दिन पहले इमारत की सुरक्षा को देखते हुए जेसीबी से काम को बंद कर दिया गया है, जिससे बावड़ी के स्ट्रक्चर को कोई नुकसान न पहुंचे। अब 50 मजदूर बावड़ी की खुदाई में लगे हैं। कल यानी गुरुवार को बावड़ी के पास एक कुएं की सफाई के दौरान एक दुर्लभ सांप मिला था, जिसे देखकर सफाई कर रहे मजदूर घबरा गए थे।
वहां मौजूद लोग कहने लगे कि यह सांप खजाने के होने का संकेत हो सकता है। कुछ समय के लिए काम रोक दिया गया था, लेकिन बाद में सफाई फिर से शुरू हुई। गुरुवार को ही ASI टीम ने मोहल्ला हौजभदेसराय स्थित भद्रिका तीर्थ भी गई थी। ईटों को बारीकी से देखा था। फोटो और वीडियो भी लिए थे।
भगवान के अवतार से पहले ऐसे चमत्कार होते हैं। नए-नए कूप और बावड़ी मिल रही हैं। अभी जितनी खुदाई होगी, ऐसी चीजें और मिलेंगी। भगवान के आने से पहले उनके इशारे को समझने की जरूरत है। इस चमत्कार को वो अंधे नहीं समझ पा रहे हैं, जिन्होंने अपनी आंखों में पट्टी बांध रखी है। पूरी दुनिया भगवान की प्रतीक्षा में है। जब से संभल में पीएम मोदी के कदम पड़े हैं और कल्कि धाम का शिलान्यास हुआ है, पूरी दुनिया संभल-संभल बोल रही है। भगवान के राज और रहस्य धरती के अंदर जो दबे हुए थे, वे अब धीरे-धीरे उजागर हो रहे हैं।
आखिरी में जानिए संभल की जामा मस्जिद का विवाद क्या है?
हिंदू पक्ष काफी वक्त से संभल की जामा मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर होने का दावा कर रहा है। 19 नवंबर को 8 लोग मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे और एक याचिका दायर की। इनमें सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णुशंकर जैन प्रमुख हैं। ये दोनों ताजमहल, कुतुब मीनार, मथुरा, काशी और भोजशाला के मामला भी देख रहे हैं।
इनके अलावा याचिकाकर्ताओं में वकील पार्थ यादव, केला मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी, महंत दीनानाथ, सामाजिक कार्यकर्ता वेदपाल सिंह, मदनपाल, राकेश कुमार और जीतपाल यादव का नाम शामिल है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ये जगह पहले श्रीहरिहर मंदिर हुआ करती थी, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया।
संभल कोर्ट में हिंदू पक्ष ने याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 150 साल पुरानी एक रिपोर्ट शामिल है।