
मुजफ्फरनगर। दीपावली मेले के नाम से अक्तूबर में शुरू होने वाली नुमाइश आयोजन की प्रक्रिया आज तक पूरी नहीं हो पाई। ठेका स्वीकृत होने के बाद लोगों को नुमाइश के आयोजन की उम्मीद थी, लेकिन फाइल पर डीएम के क्वेरी लगाए जाने के बाद मामला फिर अधर में लटकता नजर आ रहा है। इस दौरान ठंड बढ़ने से भी नुमाइश के आयोजन की उम्मीद पर पानी फिर सकता है।
जनपद में वर्षो तक जिला कृषि एवं औद्योगिक प्रदर्शनी यानी नुमाइश का आयोजन होता रहा। कभी गर्मी के मौसम में मनोरंजन का अवसर लेकर आने वाली नुमाइश दंगों के बाद सर्दी के मौसम में दीपावली मेले के नाम से आयोजित होने लगी। इस बार यह परंपरा टूटती दिख रही है।
इस बार नुमाइश आयोजन की तैयारी अक्तूबर में ही शुरू हो चुकी थी। नवंबर में 25 दिन के लिए नुमाइश का आयोजन कराने की तैयारी थी। इसी बीच मीरापुर सीट पर उपचुनाव के लिए चुनाव आचार संहिता लगने के कारण आयोजन नहीं हो सका। चुनाव निपटा तो एक बार फिर से जिला प्रदर्शनी समिति की ओर से नगर मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने नुमाइश के आयोजन की तैयारी शुरू की। इसके लिए दो दिसंबर को निविदा आमंत्रित की गई। नगर मजिस्ट्रेट के समक्ष इनको खोला गया तो मेरठ की कंपनी ने सर्वाधिक 2.51 करोड़ रुपये की बोली लगाई और उसका ठेका स्वीकृत कर लिया गया।
यह ठेका पिछले साल से 13 लाख रुपये अधिक रहा। इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी अलग से देय तय किया गया। ठेका होने के बाद अनुमोदन के लिए पत्रावली डीएम उमेश को भेजी गई तो उन्होंने इस पर जांच बैठा दी। सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने बताया कि फाईल डीएम के पास गई है। उन्होंने बताया कि फिलहाल फाईल पर क्वेरी लग गई है। आपत्तियों के निदान के बाद ही आगे की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।