

मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में वक्फ संशोधन बिल के विरोध में जुम्मे और ईद की नमाज के दौरान काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। नगर मजिस्ट्रेट ने सैकड़ों लोगों को नोटिस जारी कर शांति भंग करने का आरोप लगाया।
नोटिस में कहा गया कि प्रदर्शनकारियों ने आम जनता को उकसाकर शांति व्यवस्था को खतरे में डाला। प्रशासन ने इन्हें 16 अप्रैल 2025 को कोर्ट में पेश होने और दो लाख रुपये का मुचलका पाबंद करने निर्देश दिया है।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन का दावा
नोटिस मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।उनका कहना है कि उन्होंने कोई हिंसा या उकसावे की कोशिश नहीं की।फखरुद्दीन ने बताया कि हमने मस्जिद के अंदर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर शांतिपूर्वक काली पट्टी बांधी थी। ये खबर आप गज़ब वायरल में पढ़ रहे हैं। बाहर कोई प्रदर्शन नहीं हुआ।
मोहम्मद शब्बीर ने भी कहा कि हमें व्हाट्सएप पर बोर्ड का मैसेज मिला था कि काली पट्टी बांधकर विरोध जताएं। हमने खामोशी से ऐसा किया, फिर भी नोटिस मिला।“ उनका आरोप है कि ये कार्रवाई उनकी अभिव्यक्ति को दबाने की कोशिश है।
मदरसों में भी असमंजस
मदरसा महमूदिया के प्रधानाचार्य नईम त्यागी ने बताया कि उनके पास भी नोटिस आया, जबकि उन्होंने काली पट्टी नहीं बांधी। उन्होंने कहा कि “पुलिस ने मुझे वारंट थमाया और कहा कि 16 तारीख को पेश होना है। हमारे मदरसे में 4-5 हजार लोग नमाज पढ़ते हैं, लेकिन मुझे नहीं पता कि किसने काली पट्टी बांधी। हमारा काम बच्चों को तालीम देना है, वक्फ बिल से हमारा कोई लेना-देना नहीं।“
विरोध और प्रशासन का टकराव
पिछले हफ्ते से मुजफ्फरनगर में मुस्लिम समुदाय ने मस्जिदों और मदरसों में काली पट्टी बांधकर वक्फ बिल का विरोध किया था। प्रशासन का मानना है कि ये शांति व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है, जबकि प्रदर्शनकारी इसे अपना अधिकार बताते हैं।