

कलयुग में जिन देवी-देवताओं की सबसे अधिक पूजा होती है, उनमें मां लक्ष्मी का नाम प्रमुख रूप से लिया जाता है। जिन घरों में मां लक्ष्मी का वास होता है, वहां खुशहाली, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा हमेशा बनी रहती है. वास्तु शास्त्र भी इस बात की पुष्टि करता है कि जहां पॉजिटिव वाइब्स होती हैं, वहां परिवार के सभी सदस्य मानसिक रूप से संतुलित और प्रसन्न रहते हैं. ऐसे में अगर महिलाएं प्रतिदिन कुछ विशेष कार्यों को अपने दिनचर्या में शामिल करें, तो देवी लक्ष्मी स्थायी रूप से उस घर में वास करती हैं.आइए जानते हैं वे महत्वपूर्ण कार्य कौन-से हैं.
घर के मंदिर में दीपक जलाएं
रात के समय महिलाओं को घर के मंदिर में एक दीपक अवश्य जलाना चाहिए. मान्यता है कि जहां प्रतिदिन दीपक जलता है, वहां मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. ऐसा घर धन-धान्य से परिपूर्ण होता है और आर्थिक तंगी दूर रहती है.
कपूर से करें धूप
सोने से पहले पूरे घर और विशेष रूप से शयनकक्ष में कपूर का धुआं करना चाहिए. इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. साथ ही दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है.
बुजुर्गों का आदर और आशीर्वाद
जिन घरों में महिलाएं सास-ससुर और माता-पिता का सम्मान करती हैं, उनकी सेवा और जरूरतों का ध्यान रखती हैं, वहां मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है. रात में सोने से पहले बुजुर्गों से आशीर्वाद लेकर सोना शुभ माना जाता है.
दक्षिण दिशा में जलाएं दीपक या बल्ब
सोने से पहले घर की गृहस्वामिनी को दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. यह दिशा पितरों की मानी जाती है. यदि दीपक जलाना संभव न हो, तो वहां एक बल्ब लगाकर रात 7 बजे के बाद जलाना चाहिए. इससे पितरों का आशीर्वाद बना रहता है.
बिखरा हुआ घर न छोड़ें
रात में घर का सामान अस्त-व्यस्त छोड़कर न सोएं. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और सुबह नेगेटिविटी का अनुभव होता है. सोने से पहले घर को व्यवस्थित करें.
जूते-चप्पल मुख्य द्वार पर न छोड़ें
मुख्य द्वार से देवी लक्ष्मी का आगमन होता है. अगर वहां जूते-चप्पल बिखरे हों तो यह अशुभ माना जाता है. सोने से पहले जूते-चप्पल शू रैक में रखें और मुख्य द्वार को साफ करें.