Gazab Viral, 8th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग की सिफारिशें हमेशा से ही उत्सुकता और उम्मीदों का विषय रही हैं। हाल ही में 8वें वेतन आयोग को लेकर एक बड़ा ऐलान हुआ है, जिसने देश के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को नई उम्मीद दी है। लेकिन इसके साथ ही कई सवाल भी उठने लगे हैं – सैलरी कब बढ़ेगी? बकाया मिलेगा या नहीं? कितनी होगी सैलरी में बढ़ोतरी? आइए, इस निबंध में इन सभी सवालों का विस्तार से विश्लेषण करते हैं।
8वें वेतन आयोग की घोषणा और समयसीमा
सरकार ने आधिकारिक तौर पर ऐलान कर दिया है कि 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा। ये खबर आप गज़ब वायरल में पढ़ रहे हैं। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, आयोग की सिफारिशें अप्रैल-मई 2026 तक ही तैयार हो पाएंगी।इसका कारण है कि वेतन आयोग को सिफारिशों को अंतिम रूप देने में कम से कम 15 से 18 महीने का समय लगता है।यानी, भले ही इसे 2026 से लागू माना जा रहा है, लेकिन कर्मचारियों को नई सैलरी का वास्तविक लाभ साल 2027 की शुरुआत से ही मिल सकेगा।।
बकाया वेतन का लाभ
इस देरी से कर्मचारी भले ही थोड़े निराश हों, लेकिन राहत की बात यह है कि उन्हें बकाया वेतन (arrears) के रूप में अंतर का भुगतान किया जाएगा। यानी जनवरी 2026 से लेकर जिस महीने तक नई सैलरी लागू नहीं होती, उन सभी महीनों की सैलरी अंतर की राशि एक साथ मिलेगी। यह राशि लाखों रुपये तक हो सकती है, जिससे कर्मचारियों को बड़ा आर्थिक लाभ हो सकता है।
सैलरी में कितनी होगी बढ़ोतरी?
अब बात आती है सबसे अहम सवाल की – कितनी बढ़ेगी सैलरी? 7वें वेतन आयोग में केवल 14.27% की बढ़ोतरी की गई थी, जिससे कई कर्मचारियों को निराशा हुई थी। लेकिन 6वें और 5वें वेतन आयोगों में औसतन 27% तक की बढ़ोतरी देखने को मिली थी। ऐसे में 8वें वेतन आयोग से काफी ज्यादा उम्मीदें हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार 18% से 24% तक की वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। अगर सरकार 24% की सिफारिश को मान लेती है, तो फिटमेंट फैक्टर भी बढ़ेगा, जिससे कर्मचारियों की मूल सैलरी में बड़ा इजाफा होगा।
8वें वेतन आयोग को लेकर भले ही कर्मचारियों को सैलरी वृद्धि के लिए 2027 तक इंतजार करना पड़े, लेकिन यह इंतजार लाभकारी होगा। बकाया भुगतान के रूप में मोटी रकम, संभावित 24% सैलरी वृद्धि, और बेहतर फिटमेंट फैक्टर के साथ यह वेतन आयोग कर्मचारियों के जीवन में आर्थिक स्थिरता और संतोष ला सकता है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि सरकार कितनी जल्दी आयोग का गठन करती है और सिफारिशों को समय पर लागू करती है। आने वाले समय में यह फैसला करोड़ों परिवारों के बजट को सीधे प्रभावित करेगा।