
महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना’ में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. केवल महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना के तहत 12,431 पुरुषों ने भी गलत तरीके से योजना का लाभ उठाया है. इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1,500 की आर्थिक मदद दी जाती है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक- महिला एवं बाल विकास विभाग (WCD) ने पुष्टि की है कि सत्यापन प्रक्रिया के दौरान इसका खुलासा हुआ कि 12,431 पुरुषों ने गलत तरीके से इस योजना का लाभ उठाया. जांच के बाद इन सभी को लाभार्थियों की सूची से बाहर कर दिया गया है. सिर्फ पुरुष ही नहीं, यह भी सामने आया कि 77,980 महिलाएं भी ऐसी थीं जो योजना की पात्रता नहीं रखती थीं, लेकिन उन्हें भी कई महीनों तक आर्थिक सहायता मिलती रही.
सरकार को 164 करोड़ रुपये का घाटा
RTI आंकड़ों के अनुसार, पुरुषों को 13 महीनों तक 1,500 रुपये प्रति माह के हिसाब से भुगतान किया गया. अपात्र महिलाओं को 12 महीनों तक यह राशि मिली. कुल मिलाकर, सरकार ने 164.52 करोड़ रुपये गलत खातों में भेजे. जिनमें से 24.24 करोड़ रुपये पुरुषों को और 140.28 करोड़ रुपये महिलाओं को दिए गए.
चुनाव से पहले शुरू हुई थी योजना
यह योजना जून 2024 में शुरू की गई थी, जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव सिर्फ 4 महीने दूर थे. अगस्त 2024 में शिंदे-फडणवीस-अजित पवार सरकार ने इसके प्रचार के लिए 199.81 करोड़ रुपये का बजट घोषित किया था. विपक्ष ने इसे उस समय चुनाव पूर्व लोकलुभावन घोषणा बताया था.
2.41 करोड़ महिलाओं ने उठाया लाभ
वर्तमान में योजना के तहत करीब 2.41 करोड़ महिलाएं लाभ ले रही हैं, जिससे राज्य सरकार पर हर महीने लगभग ₹3,700 करोड़ का वित्तीय भार पड़ रहा है. 2,400 सरकारी कर्मचारी भी लाभार्थियों में शामिल हैं. एक अन्य RTI के अनुसार, करीब 2,400 सरकारी कर्मचारियों ने भी योजना का गलत फायदा उठाया, जिनमें पुरुष भी शामिल हैं. इनमें कृषि, सामाजिक कल्याण, आदिवासी विकास, आयुर्वेद संचालनालय और जिला परिषदों के अधिकारी शामिल हैं. हालांकि, अभी तक किसी से वसूली नहीं हुई है, और न ही कोई सजा दी गई है.
26 लाख अपात्र लाभार्थियों की पहचान
महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे ने अगस्त 2025 में एक्स (X) पर जानकारी दी थी कि प्रारंभिक जांच में करीब 26 लाख लाभार्थी अपात्र पाए गए हैं. यह डेटा सभी जिलों को भेजा गया है ताकि भौतिक सत्यापन किया जा सके. उन्होंने लिखा था कि सत्यापन के बाद अपात्र पाए जाने वालों पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के मार्गदर्शन में उचित कार्रवाई की जाएगी.
26.34 लाख खातों में भुगतान रोका गया
सरकारी सूत्रों के अनुसार, अब तक 26.34 लाख संदिग्ध खातों में भुगतान जून-जुलाई 2025 से निलंबित कर दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि अपात्र खातों में भेजी गई राशि का पूरा आकलन अभी नहीं हुआ है, और जैसे-जैसे सत्यापन आगे बढ़ेगा, यह आंकड़ा और बढ़ सकता है.
कैसे हुई इतनी बड़ी गड़बड़ी?
- WCD विभाग ने RTI में स्वीकार किया कि योजना शुरू करते समय पर्याप्त जांच व्यवस्था नहीं थी.
- पुरुष लाभार्थियों को जुलाई 2024 से जुलाई 2025 तक भुगतान किया गया था.
- जुलाई 2025 के बाद भुगतान रोका गया.
- अभी तक कोई राशि वापस नहीं ली गई है.
सरकार का क्या है अगला कदम?
अब सरकार ने राज्यव्यापी e-KYC सत्यापन अभियान शुरू कर दिया है. यह सभी पुराने और नए लाभार्थियों के लिए अनिवार्य किया गया है, ताकि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों से बचा जा सके. इस खुलासे ने महाराष्ट्र सरकार की योजनाओं की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब सबकी नजर इस पर है कि क्या सरकार गलत लाभार्थियों से वसूली करेगी? क्या दोषियों पर कोई कार्रवाई होगी? और क्या यह घोटाला राजनीतिक रंग लेगा?