Property Documents : एक ही जमीन की हो जाती है 2-3 रजिस्ट्री, ये डाक्यूमेंट बनाता है असली मालिक, खरीदने के पहले जरूर कर लें चेक…

Gazab Viral : (plot registry) अब पिछले कुछ समय में कुछ ऐसे मामले सामने आए है, जिसके तहत एक ही जमीन पर दो-दो, तीन-तीन रजिस्ट्री हुई देखी गई हैं। अगर व्यक्ति के साथ ऐसा कोई फ्रॉड होता है तो उसके बाद कोर्ट के चक्कर काटने के अलावा कोई दूसरा ऑप्शन नहीं बचता है।

इसलिए आप भी ऐसी परिस्थिती का शिकार न हो जाए, इसके लिए किसी भी जमीन या मकान को खरीदने से पहले आप सभी डाक्यूमेंट (plot registry Documents) को अच्छे से चेक कर लें। आज  हम आपको इस खबर के माध्यम से बताने वाले हैं कि मकान खरीदने से पहले किन डॉक्यूमेंट को चेक करना चाहिए।

एक ही जगह की कैसे हो जातीहै 2-3 रजिस्ट्री-

सबसे पहली बात तो आप यह जान लें कि गांव और शहर में जमीन की रजिस्‍ट्री के तरीके अलग-अलग होते हैं। गांव के मुकाबले शहर में ऐसे फर्जी रजिस्ट्री (How to register a plot) के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं, क्योंकि गांव के मुकाबले शहरों में अक्‍सर विक्रेता बड़ी जमीन को खरीदकर उसकी प्‍लॉटिंग करते हैं। बस यहीं से शहरों में यह फर्जीवाड़े (fraud registry cases)का खेल शुरू हो जाता है। इससे बचाव के लिए आपको कुछ सावधानी जरूर बरतनी चाहिए।

कैसे और क्यों होता है फर्जीवाड़ा-

जैसे ही जमीन की रजिस्ट्री हो जाए, उसके बाद सबसे जरूरी काम होता है दाखिल खारिज (dakhil kharij kya hai ) यानी नामंतरण कराना, जिसे आम भाषा में लोग म्यूटेशन भी कहते हैं। सबसे पहले खरीददार को यह काम रजिस्‍ट्री के 2 से 3 महीने के भीतर करा लेना चाहिए, क्योंकि ये सारा फर्जीवाड़ा इसी दौरान होता है।

क्योंकि जमीन के पहले खरीदार ने दाखिल खार‍िज नहीं कराया होता है, ऐसे  में उसके खतौनी में पुराने मालिक का नाम ही चढ़ा रह जाता है। उसके बाद दूसरे खरीददार को वही जमीन दिखाकर फिर बेच दी जाती है और उसके बाद उसके दाखिल खारिज कराने से पहले किसी  तीसरे और चौथे व्‍यक्ति के नाम पर भी उसकी रजिस्‍ट्री कर पैसा (Property Registry Fees) वसूल लिया जाता है।

जमीन खरीदने ये पहले जांच लें यह दस्तावेज-

इसके साथ ही आपकी जानकारी के लिए  यह भी बता दें कि  जब भी बिल्डर कोई जमीन (plot registry rules)खरीदता है तो उसकी एक गाटा संख्या होती है। चाहे उस जमीन को बिल्डर कितने ही टुकड़ों में बांटकर प्‍लॉट बनाए, लेकिन उसका गाटा संख्‍या (plot number)एक ही होता है।

यानी कि आम भााषा में आपको समझाते हैं, जैसे कि 20 प्‍लॉट्स का नंबर तो अलग-अलग होगा, लेकिन इन सभी प्‍लॉट का गाटा नंबर (Gata number of the plot)एक ही रहेगा। खरीदार इस गाटा नंबर का यूज कर खतौनी देख सकते हैं।

कहां पर जाकर देख सकते हैं खतौनी –

गाटा  नंबर देखने का आसान तरीका भी हम आपको बताने वाले हैं, जैसे कि पहले जब हमें खतौनी (khatauni kaise dekhe)की जरुरत पड़ती थी तब राजस्व विभाग में जाना पड़ता था। लेकिन अब इस डिजिटल समय  में  ये सुविधा ऑनलाइन हो चुकी है।

अब खतौनी (khatauni kya hai) देखने के लिए राजस्व  विभाग नहीं जाना पड़ता, क्योंकि राजस्व विभाग (Department of Revenue) ने भूअभिलेख से सम्बंधित जानकारी ऑनलाइन करवा दी है।

ऑनलाइन लें सकते हैं खतौनी से जुड़ी जानकारी-

ये सारी प्रक्रिया ऑनलाइन कराने का फायदा यह  है कि जब भी आपको कोई प्‍लॉट खरीदना हो तो उसे खरीदने से पहले उसकी खतौनी लीजिए और रजिस्‍ट्रार ऑफिस (Registrar Office) में जाकर जो जमीन आप खरीद रहे हैं उस बारे  में पूरी जानकारी लिजिए।

इसके  साथ ही जमीन की रजिस्‍ट्री (plot selling fraud se kaise bache )कराते ही नियत समय के बाद उसकी दाखिल खारिज जरूर कराएं। ऐसा कराने पर आपका नाम गाटा संख्‍या और खतौनी में दर्ज हो जाएगा और इससे आपके साथ धोखाधड़ी नहीं होगी।

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