

Ghar ke Beti : सनातन धर्म में कम उम्र की बालिकाओं को देवी दुर्गा का रूप कहा है. इसलिए नवरात्रि में कन्या पूजन जरूर होता है. वहीं घर की बेटियों को घर की लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है. इसलिए माता-पिता भी अपनी बेटियों के पैर छूते हैं. विवाह के समय कन्यादान के बाद उसका पैर पूजन करते हैं. इसलिए बेटी को कभी नाराज नहीं किया जाता है, क्योंकि बेटी की नाराजगी मां लक्ष्मी को नाराज कर देती है. लेकिन कई बार लोग जाने-अनजाने में बेटियों से ऐसे काम करवा लेते हैं, जो परिवार के लिए अशुभ साबित होते हैं. जानिए बेटियों से कौनसे काम नहीं करवाने चाहिए.
– सनातन धर्म में बेटी को कन्या और देवी माना जाता है इसलिए परिवार के बाकी सदस्य फिर वे चाहे उम्र में बड़े हों या छोटे, बेटियों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते हैं. लिहाजा बेटियों से कभी अपने पैर ना छिववाएं, बल्कि खुद उनके पैर छुएं.
– बेटियों का अपमान करने की गलती कभी ना करें. छोटी बच्ची है तो उसे समझाएं. वहीं शादीशुदा बेटी का अपमान कभी ना करें. मायके से यदि बेटी दुखी होकर जाए तो ऐसे घर में खुशियां भी नहीं ठहरती हैं. घर की बरकत चली जाती है.
– जूठे बर्तन बेटियों से धुलवाने से बचना चाहिए. या ऐसे काम जो उनके लिए करना उचित नहीं है, उनसे ना करवाएं.
– बेटी का हिस्सा उसे जरूर दें. यदि कभी जरूरत पड़ने पर बेटी से पैसे उधार लेने पड़ें तो उसे जरूर लौटा दें. वरना ये कर्ज अगले जनम तक साथ जाता है.
– घर की बेटी की आंखों में आंसू ना रहने दें. शाम के समय तो कभी बेटी को ना डांटें. शुभ मौकों पर बेटियों को तोहफे दें. बेटियां खुश रहेंगी तो घर में सुख शांति भी बनी रहेगी. कहते हैं कि बेटियां ही घर में सौभाग्य लाती हैं.