Gazab Viral – (Supreme Court )। कर्मचारियों से जुड़े सीनियर-जूनियर के कई तरह के मामले सामने आते रहते हैं। कोई कर्मचारी बड़े पद पर होता है तो कोई छोटे पद पर। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 4th ग्रेड के सरकारी कर्मचारी (govt employees news) को राहत देते हुए सुप्रीम फैसला सुनाया है।
चतुर्थ श्रेणी के पक्ष में सुनाया गया यह फैसला हर सरकारी कर्मचारी के लिए बेहद अहम है। हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में कुछ और ही फैसला सुनाया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court big Decision ) ने रद कर दिया और अपना ऐतिहासिक निर्णय सुना दिया।
यह कहा है सुप्रीम कोर्ट ने –
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (4th class employee’s decision) जब घोर आर्थिक तंगी में फंसा होता है तो वह मजबूरीवश भी अपने स्तर पर प्रत्यक्ष रूप से वरिष्ठ अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचा सकता है। इसे बड़ा कदाचार नहीं कहा जा सकता। यह ऐसा जुर्म नहीं है कि उसे सेवा से बर्खास्त किया जाए या इसकी सजा दी जाए।
उच्चतम न्यायालय के दो जजों की पीठ ने जिला न्यायपालिका के एक कर्मचारी (SC decision for employees) की बर्खास्तगी के आदेशों को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की है। कर्मचारी की बर्खास्तगी के ये आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिए थे, जो सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करते हुए अहम निर्णय सुनाया है।
यह था मामला-
जिला न्यायालय के 4th ग्रेड कर्मचारी छत्रपाल की ओर से यूपी के इलाहाबाद उच्च न्यायालय (HC decision in 4th grade employee ) के रजिस्ट्रार जनरल और सीएम सहित अन्य उच्च अधिकारियों को सीधे अभ्यावेदन भेजने के कारण बर्खास्त कर दिया गया था। इस मामले में अपीलकर्ता ने बरेली जिला अदालत के अन्य कर्मचारियों के उदाहरणों का हवाला देते हुए अपना पक्ष व तर्क रखा है।
अपीलकर्ता का कहना है कि उक्त कर्मचारियों (govt employees news) ने भी सीधे वरिष्ठ अधिकारियों को अभ्यावेदन भेजा था और उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर उच्चतम न्यायालय (SC decision) ने मामले को गहराई से देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया। इसके साथ ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी छत्रपाल को बहाल करने का आदेश भी सुना दिया।
कर्मचारी छत्रपाल ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) में याचिका लगाकर बर्खास्तगी को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने कर्मचारी की इस याचिका को खारिज कर दिया था। बता दें कि छत्रपाल को बरेली जिला न्यायालय में अर्दली के पद पर नियुक्त किया गया था।
यह पद चतुर्थ श्रेणी (SC decision in 4th grade employee) के अंतर्गत गिना जाता है। वह इस पद पर स्थायी तौर पर नियुक्त था। इसके बाद छत्रपाल का तबादला कर दिया गया और बरेली की एक बाहरी अदालत नजारत शाखा में ‘प्रोसेस सर्वर’ के पद पर तैनात कर दिया गया था।
छत्रपाल ने नजारत शाखा में काम किया पर अर्दली का वेतन मिला। इस बारे में छत्रपाल (chattrapal case of Representations ) ने वरिष्ठ अधिकारियों को कई अभ्यावेदन भेजे थे। इसके बाद छत्रपाल को जून 2003 में निलंबित कर दिया गया। इसके बाद उस पर विभागीय जांच भी बैठाई गई थी।
बता दें कि नजारत शाखा, अदालतों द्वारा जारी किए गए समन, नोटिस, वारंट आदि जैसी विभिन्न प्रक्रियाओं के वितरण और निष्पादन के लिए जिम्मेदार प्रक्रिया सेवा एजेंसी है, यहीं पर छत्रपाल नियुक्त थे।