Cricketer: क्रिकेट जगत से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है, जिसने खेल प्रेमियों को गमगीन कर दिया है। एक ऐसे दिग्गज बल्लेबाज (Cricketer), जिनकी तकनीक और धैर्य की मिसाल दी जाती थी, अब हमारे बीच नहीं रहे।
उन्होंने अपने करियर में कई ऐतिहासिक पारी खेलीं, लेकिन जिंदगी
की सबसे मुश्किल पारी-कैंसर से लड़ाई-को वो जीत नहीं सके। जहां युवराज सिंह
ने इस बीमारी को मात दी वहीं इस लीजेंड ने आखिरकार बीमारी के आगे घुटने
टेक दिए।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के महान बल्लेबाज (Cricketer) 84
वर्षीय बॉब काउपर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) की तरह कैंसर को मात नहीं दे
सके और उनका मेलबर्न में निधन हो गया। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उनके निधन
की पुष्टि करते हुए गहरा शोक जताया है।
बॉब काउपर युवराज सिंह की तरह कैंसर से जूझ रहे थे। उनके परिवार में
पत्नी डेल और दो बेटियां ओलिविया और सेरा हैं। अपने अंतिम दिनों में वे
परिवार के साथ शांति से समय बिता रहे थे और क्रिकेट से जुड़ी यादों को साझा
किया करते थे।
फरवरी 1966 में खेली थी ऐतिहासिक पारी
क्रिकेटर (Cricketer) बॉब
काउपर को क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार पारियों में से एक के लिए जाना
जाता है, जब उन्होंने MCG पर इंग्लैंड के खिलाफ 589 गेंदों में 307 रनों की
मैराथन पारी खेली थी। यह ऑस्ट्रेलियाई धरती पर टेस्ट क्रिकेट में पहला और
20वीं सदी का एकमात्र तिहरा शतक भी।
काउपर ने 1964 से 1968 के बीच केवल 27 टेस्ट खेले, लेकिन इन मैचों में
उन्होंने 46.84 की औसत से 2061 रन बनाए, जिसमें 5 शतक और 10 अर्धशतक शामिल
थे। उन्होंने सिर्फ 28 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास
ले लिया, लेकिन उनका प्रभाव हमेशा बना रहा।
घरेलू मैदान पर लाजवाब रिकॉर्ड
ऑस्ट्रेलिया की धरती पर उनका टेस्ट औसत 75.78 रहा, जो सिर्फ डॉन
ब्रैडमैन से पीछे है। इसके अलावा उन्होंने अपनी ऑफ स्पिन से 36 टेस्ट विकेट
भी चटकाए। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 147 मैचों में उन्होंने 10,595 रन और
183 विकेट अपने नाम किए।
संन्यास के बाद काउपर ने बतौर आईसीसी मैच रेफरी भी योगदान दिया। साल
2023 में उन्हें ‘मेडल ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया’ से सम्मानित किया गया।
महान क्रिकेटर (Cricketer) का जाना क्रिकेट के लिए एक बड़ी क्षति है और उनकी महानता आने वाले समय में भी याद की जाती रहेगी।