ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से रूह कंपा देने वाली खबर, हिंदू क्रिकेटर के काटे गए दोनों पैर 

After Operation Sindoor, Both Legs Of A Hindu Cricketer Were Amputated In Pakistan

Operation Sindoor : पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद माहौल लगातार गर्म है और अब एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने हर किसी को चौंका दिया है। सोशल मीडिया पर अचानक एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें एक पूर्व क्रिकेटर अस्पताल के बिस्तर पर लेटे दिखे-लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि उनके दोनों पैर गायब थे। कई लोगों ने इसे Operation Sindoor का ‘बदला’ करार दिया। लेकिन जो सच्चाई सामने आई, वो ज्यादा दर्दनाक थी।

Operation Sindoor के बाद कटे पैर 

दरअसल हम बात कर रहें पाकिस्तान के पूर्व हिन्दू घरेलू क्रिकेटर और कोच मोहिंदर कुमार की, जिनके दोनों पैर ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) नहीं बल्कि गंभीर संक्रमण के चलते काटने पड़े हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह लंबे समय से डायबिटीज के शिकार थे।

उनके पैरों में डायबिटीज के इतना संक्रमण इतना फैल गया था कि डॉक्टरों के पास उनका जीवन बचाने के लिए दोनों पैर काटने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था। ये घटना जितनी चौंकाने वाली है, उतनी ही दुखद भी है।

पहले से ही चयन को लेकर उठते रहे सवाल

मोहिंदर कुमार ने 1976 से 1994 तक पाकिस्तान के लिए घरेलू स्तर पर क्रिकेट खेला। वह एक बेहतरीन तेज गेंदबाज थे, जिन्होंने 65 प्रथम श्रेणी मैचों में 187 विकेट झटके। लेकिन टीम में वसीम अकरम, और वकार यूनिस जैसे दिग्गजों की मौजूदगी के चलते उन्हें जगह नहीं मिली।

युवाओं को तराशते रहे, बने कई दिग्गजों के कोच

क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद भी मोहिंदर कुमार ने खुद को खेल से जोड़े रखा। उन्होंने कई उभरते हुए खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी, जिनमें दानिश कनेरिया, मोहम्मद सामी, तनवीर अहमद और सोहैल खान जैसे नाम शामिल हैं। उनकी कोचिंग में कई खिलाड़ियों ने बड़ा नाम कमाया।

इस समय मोहिंदर कुमार जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। उनके इस संघर्ष की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि शायद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और सरकार उनकी मदद के लिए आगे आए।

क्रिकेट की सेवा करने वाले इस खिलाड़ी को अब देश की सेवा की कीमत पर नहीं, इंसानियत के आधार पर सहारा मिलना चाहिए। जिस खिलाड़ी ने दूसरों का करियर संवारा, आज उसी के जीवन को सहारा देने की बारी हमारी है।

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