Arshdeep Singh को दें टेस्ट कैप, इंग्लैंड में बदल सकते हैं मैच का रुख, दिग्गज ने दी सलाह

 

इंग्लैंड के खिलाफ 20 जून से हेडिंग्ले में शुरू हो रही टेस्ट सीरीज के
पहले मैच को लेकर भारतीय टीम की संभावित प्लेइंग इलेवन पर चर्चा तेज़ हो गई
है। इस बीच ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और पंजाब किंग्स के मौजूदा कोच
रिकी पोंटिंग ने तेज़ गेंदबाज़ Arshdeep Singh को लेकर बड़ी राय दी है।

पोंटिंग
का मानना है कि Arshdeep Singh को भारत की टेस्ट टीम में शुरुआती मुकाबले
से ही शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि वह इंग्लैंड की परिस्थितियों और
ड्यूक्स गेंद के व्यवहार को बेहतर तरीके से समझते हैं।

“कंडीशन्स को समझता है Arshdeep Singh, – पोंटिंग

पोंटिंग
ने कहा, “मैं तो उसे इंग्लैंड सीरीज़ की शुरुआत में ही टेस्ट टीम में
देखना चाहूंगा। वह बेहद स्किलफुल गेंदबाज है, काउंटी क्रिकेट खेल चुका है
और वहां की परिस्थितियों से वाकिफ है। ड्यूक्स बॉल इंग्लैंड में उसकी मदद
करेगी।”

उन्होंने
आगे कहा, “भारत के पास पहले से मजबूत पेस अटैक है, लेकिन एक लेफ्ट आर्म
गेंदबाज़ टीम को विविधता देता है। इंग्लैंड में गेंद 30-50 ओवर के बाद भी
स्विंग करती है, ऐसे में स्विंग कराने वाला लेफ्ट आर्मर टीम के लिए एक अलग
एंगल और चुनौती पैदा कर सकता है। अगर भारत उसे नहीं खिलाता, तो यह थोड़ा
चौंकाने वाला होगा।”

रेड-बॉल क्रिकेट में बना रहे हैं नाम

2022
में टी20 इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले Arshdeep Singh अब तक भारत के लिए 63
टी20 मैच खेल चुके हैं, जिसमें उन्होंने 99 विकेट चटकाए हैं और इस फॉर्मेट
में भारत के वे सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले गेंदबाजों के लिस्ट में
शामिल हो गए हैं। हालांकि टेस्ट टीम में अभी उन्हें जगह नहीं मिली है,
लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी उन्होंने अपनी काबिलियत साबित की है।

कैसा है फर्स्ट क्लास में उनका रिकॉर्ड:

पंजाब
के लिए खेले 12 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 39 विकेट लिए हैं, वह भी
सिर्फ 12 की औसत से। 2023 में आईपीएल में 17 विकेट लेने के बाद उन्होंने
इंग्लिश काउंटी क्लब Kent के लिए 5 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिनमें उन्होंने
13 विकेट हासिल किए। हालांकि औसत 41.76 का रहा, लेकिन उन्हें वहां के पिच
और गेंदबाज़ी परिस्थितियों का सीधा अनुभव मिला।

पिछले वर्ष विजय
हज़ारे ट्रॉफी में भी Arshdeep Singh ने पंजाब के लिए 20 विकेट चटकाए थे।
उनके कोच के अनुसार, अर्शदीप नियमित रूप से ड्यूक्स और कूकाबुरा दोनों
गेंदों से अभ्यास करते हैं ताकि किसी भी कंडीशन में गेंदबाज़ी कर सकें।

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