
मध्य प्रदेश के इंदौर में 13 साल के बच्चे ने फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी. कारण था मोबाइल गेम्स की लत. गेम का टास्क पूरा नहीं हुआ तो बच्चा 3000 रुपये हार गया. मां को बात पता चली तो उन्होंने बच्चे को डांटा. बस फिर बच्चे ने सुसाइड कर लिया.
घटना इंदौर के अनुराग नगर इलाके की है. सातवीं क्लास में पढ़ने वाला अकलंक जैन ऑनलाइन गेम फ्री फायर समेत कई गेम्स का दीवाना था. पुलिस जांच में सामने आया कि अकलंक ने गेम का टास्क पूरा करने के लिए मां के डेबिट कार्ड से तीन हजार रुपये खर्च कर दिए थे. पैसे कटने पर मां ने डांटा, जो शायद अकलंक बर्दाश्त नहीं कर सका. नाराज होकर वह कमरे में चला गया. और कुछ देर बाद उसका छोटा भाई अविकल भी कमरे में गया. उसने भाई को फंदे पर लटका हुआ देखा तो रोता हुआ बाहर भागा.
फुटबॉलर बनना चाहता था
परिजनों ने तुरंत अकलंक को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर उसे नहीं बचा सके. अकलंक के पिता अंकेश जैन शहर के जाने-माने ऑटो पार्ट्स कारोबारी हैं. दो दिन पहले ही बेटे का जन्मदिन मनाया गया था, घर में खुशियों का माहौल था, लेकिन अब मातम पसरा हुआ है. अकलंक का सपना था कि वह एक दिन देश के लिए फुटबॉल खेले और मेडल जीते.
कब थमेगा ये खेल?
अकलंक की मौत अकेली नहीं है. बीते कुछ महीनों में इंदौर में ही 10 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जहां ऑनलाइन गेमिंग बच्चों की जान पर बन आई. ये घटनाएं बताती हैं कि गेमिंग लत अब मनोरंजन नहीं, मानसिक स्वास्थ्य का खतरा बन चुकी है.