
Odisha News: ओडिशा के जलेश्वर में धर्म परिवर्तन के प्रयास के आरोपों के बाद तनाव फैल गया. पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. मामला गंगाधर गांव का है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ पादरी और नन इस गांव में पहुंचे थे. गांव में एक साल पहले एक शख्स की मौत हो गई थी. उसी की शांति प्रार्थना के लिए वो लोग गांव पहुंचे थे. मगर बाद में जब वो वापस लौट रहे थे तो उन पर 70 लोगों की भीड़ ने जानलेवा हमला कर दिया.
पुलिस ने कहा कि लोगों को शक था कि वो धर्म परिवर्तन की कोशिश कर रहे हैं. सिरो मालाबार चर्च की ओर से जारी एक बयान में आरोप लगाया गया है. बुधवार शाम को, दो पादरी, दो नन और कुछ मिशनरी गंगाधर मिशन के अंतर्गत चर्च में मृतक के लिए शाम का प्रार्थना सभा आयोजित करने आए थे. प्रार्थना सभा के बाद जब वे लौट रहे थे, तो लगभग 70 बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने पादरी और ननों के समूह को रास्ते में रोक लिया और उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी.
‘संविधान पर हुआ हमला’
बस्ता पुलिस ने जलेश्वर चर्च के पादरी से पूछताछ की. पादरी ने बताया कि उन्हें एक पुण्यतिथि समारोह में प्रार्थना करने के लिए आमंत्रित किया गया था. एक अधिकारी ने कहा- पूछताछ और जांच के बाद, पुलिस ने हमले में शामिल सभी लोगों का विवरण लिया. फिर बाद में उन्हें रिहा कर दिया. हालांकि, मामले की जांच अभी जारी है. चर्च ने दावा किया है कि बजरंग दल द्वारा कथित हमले में फादर लिजो निरप्पल और फादर वी जोजो घायल हुए हैं. चर्च ने मामले में सख्त से सख्त एक्शन की मांग की है. कहा- ये हमला हम पर नहीं, बल्कि सच तो यह है कि संविधान पर ही हमला हो रहा है.
मोबाइल फोन भी छीना
चर्च ने कहा- हमलावरों ने एक पुरोहित का मोबाइल फोन भी छीन लिया और घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय निवासियों पर भी हमला किया. पहले हमलावरों ने चर्च वालों की गाड़ी को रोका. उसके टायरों की हवा निकाल दी. फिर पादरी और नन के कपड़े फाड़ दिए गए. यह हमला छत्तीसगढ़ के दुर्ग स्थित केंद्रीय कारागार से दो केरल की ननों के बाहर आने के ठीक एक हफ्ते बाद हुआ है. उन्हें बिलासपुर की एक विशेष एनआईए अदालत ने जमानत दी थी. उन पर बजरंग दल ने मानव तस्करी और जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया था. ये आरोप बाद में गहन जांच के बाद गलत साबित हुए थे.