
यूपी के कानपुर देहात में रनियां की नगर पंचायत अध्यक्ष बिटान दिवाकर के नाम पात्र गृहस्थी राशन कार्ड है। वह खुद बोलेरो से चलती हैं और बेटे के नाम थार गाड़ी है। इनका दो मंजिला आलीशान मकान है लेकिन अभी भी वह गरीबी की श्रेणी से बाहर नहीं निकलीं। फ्री राशन ले रही हैं। खामियों पर सवाल उठे तो खुद को विपक्षी दल का चेयरमैन होने के कारण सत्ता दल की ओर से उत्पीड़न कराने की विभाग से शिकायत करती हैं।
रनियां नगर पंचायत की अध्यक्ष बिटान दिवाकर पर सरकार की योजनाओं को क्षेत्र की जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी है। लेकिन खुद चेयरमैन ही अभी गरीबी रेखा को पार नहीं कर पा रहीं हैं। चेयरमैन के नाम पात्र गृहस्थी कार्ड है। इनके पात्र गृहस्थी कार्ड संख्या 216340539379 पर इनके अलावा बेटी प्रियंका, पति राजकिशोर के अलावा पुत्र जितेन्द्र और दीपेन्द्र के नाम दर्ज हैं। जबकि इनके बेटे जितेन्द्र के नाम पर परिवहन विभाग में थार कार दर्ज है। यह पक्के दो मंजिले मकान में रहतीं हैं। इसके साथ ही नगर पंचायत का काम देखने वाले इनके जेठ के नाम बोलेरो है। चेयरमैन अक्सर इसी का उपयोग करती हैं। इसके अलावा एक महंगी दोपहिया गाड़ी भी है।
राशन कार्ड के मानकों में घर में चार पहिया गाड़ी, पक्का बहुमंजिला मकान आदि न होने की शर्तें हैं। इसके बाद भी इनके राशन कार्ड तक किसी की नजर ही नहीं पड़ी। और तो और चेयरमैन अपने राशन कार्ड में दर्ज पांच यूनिट का फ्री राशन भी लेती हैं। हाल ही में आपूर्ति विभाग की ओर से चले ई-केवाईसी का भी काम पूरा किया गया है। इन खामियों पर चेयरमैन बिटान दिवाकर का कहना है कि सत्ता दल की ओर से उन्हे बदनाम करने की साजिश की जा रही है। जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया जांच कराई जाएगी।
जिला पूर्ति अधिकारी अभिषेक कुमार ने बताया कि राशन कार्ड बनने में 10 बिंदुओं के मानक हैं। इसमें चार पहिया गाड़ी, हार्वेस्टर, ट्रैक्टर और महंगे सामान नहीं होने चाहिए। यदि नगर पंचायत चेयरमैन राशन ले रहीं है और उनके बेटे के नाम कार है तो गलत है। बेटे को कार लेने के बाद राशन कार्ड से नाम हटवा लेना चाहिए था। रनियां में राशन कार्डों का सत्यापन चल रहा है। यह जिम्मेदारी ईओ की है। इस मामले में अलग से जांच कराई जाएगी। ,
रनियां नगर पंचायत चेयरमैन बिटान दिवाकर ने बताया कि मेरा राशन कार्ड बना है, उस पर राशन आता है कि नहीं घर पर जानकारी करनी पड़ेगी। थार गाड़ी बेटे की शादी में मिली है, वह बहू की है लेकिन नाम बेटे के करा दिया गया है।