
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना चुनाव में वोट नहीं दे पाएंगी. उनके परिवार के कई सदस्यों के लिए भी अगले साल होने वाले चुनाव में वोट डालना मुश्किल हो गया है. उनके राष्ट्रीय पहचान पत्र (NID) कार्ड को ब्लॉक कर दिया गया है. इससे वे देश के बाहर से भी वोट नहीं डाल पाएंगे. यह जानकारी बांग्लादेश निर्वाचन आयोग (ईसी) के वरिष्ठ सचिव अख्तर अहमद ने दी.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों का एनआईडी ब्लॉक है, वे विदेश से वोट नहीं डाल सकेंगे. विदेश से वोट डालने के लिए केवल उन्हीं लोगों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अनुमति है जिनका एनआईडी कार्ड एक्टिव है. अख्तर अहमद ने साफ किया कि शेख हसीना और उनके परिवार के नौ सदस्यों के एनआईडी कार्ड लॉक कर दिए गए हैं, इसलिए वे वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
पूरे परिवार का कार्ड ब्लॉक
इस ब्लॉकिंग की कार्रवाई राष्ट्रीय पहचान पंजीकरण विंग के महानिदेशक एएसएम हुमायूं कबीर के निर्देश पर की गई है. शेख हसीना के परिवार में शेख रेहाना सिद्दीकी, सजीब वाजेद जॉय, साइमा वाजेद सहित कुल नौ सदस्य शामिल हैं. यह कदम बांग्लादेश की राजनीतिक व्यवस्था में नए संकट का संकेत है, खासकर तब जब अवामी लीग पार्टी के चुनाव चिन्ह को भी आयोग की वेबसाइट से हटा दिया गया है.
‘आतंकवाद विरोधी अधिनियम’ के तहत बैन
12 मई को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों की गतिविधियों पर ‘आतंकवाद विरोधी अधिनियम’ के तहत प्रतिबंध लगाया है, जो चुनावों में पार्टी की भागीदारी को रोकने की कोशिश माना जा रहा है. विश्लेषकों का मानना है कि यह सब राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है, जिससे शेख हसीना और उनकी पार्टी को राष्ट्रीय चुनावों से दूर रखा जा सके.
पार्टी को साफ करने की तैयारी
शेख हसीना जो लंबे समय से बांग्लादेश की राजनीति में प्रभावशाली भूमिका निभा रही हैं, अब वोट भी नहीं दे सकेंगी. इससे न केवल उनके राजनीतिक करियर पर असर पड़ेगा, बल्कि अवामी लीग पार्टी की चुनावी संभावनाओं को भी बड़ा झटका लगेगा. इस मामले ने देश में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है. विपक्षी पार्टियां इस कदम की कड़ी आलोचना कर रही हैं और इसे लोकतंत्र की हत्या बताया जा रहा है.