अभी अभीः दिशा पाटनी मामले में एनकाउंटर पर भड़का गोल्डी बराड़ गैंग-बदला लेने की धमकी!


नई दिल्ली. बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी के बरेली स्थित घर पर हुई फायरिंग के दोनों आरोपियों को यूपी एसटीएफ ने गाजियाबाद के एक एनकाउंटर में मार गिराया। इस ऐक्शन के बाद गैंगस्टर गोल्डी बराड़ गैंग के रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें दोनों आरोपियों की मौत पर शोक जताया है। उसने एनकाउंटर करने वालों से बदला लेने की बात कही है और कहा है कि इसमें वक्त लगेगा, लेकिन माफी नहीं मिलेगी।

गोदारा ने एनकाउंटर में मारे गए आरोपियों को शहीद बताया और कहा कि यह बहुत बड़ा नुकसान है। उसने अपन पोस्ट में कहा, ”भाइयों आज यह जो एनकाउंटर हुआ है, यह हमारे लिए जीवन की बहुत बड़ी क्षति है। मैं आपको बता दूं कि ये जो न्यूज चैनल वाले चला रहे हैं कि ढेर हुए, ये ढेर नहीं, बल्कि शहीद हुए हैं। इन भाइयों ने धर्म के लिए अपना बलिदान दिया है। अरे कुछ तो शर्म करो।”

उसने आगे लिखा, ”एक मुंह से तो तुम सनातन-सनातन चिल्लाते हो और जो सनातन के लिए लड़ाई लड़े, उसको मार दिया जाता है। यह इंसाफ नहीं है। ये जितने भी सनातन धर्म का नाम लेकर घूम रहे हैं, ये सिर्फ अपनी रोटी सेंक रहे। ये एनकाउंटर नहीं, सनातन की हार हुई है। धर्म के लिए लड़ने वालों को मार दिया जाता है। हमारे शहीद भाइयों को इंसाफ दिलाओ। ये सनातन धर्म की आड़ में एक धंधा चला हुआ है। सभी देशवासी इससे सावधान रहें। हम अगर धर्म के लिए लड़ सकते हैं तो शहीद भाइयों के लिए भी हम वो काम कर सकते हैं, जिसकी ये कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। इसमें जिसका भी हाथ हो, चाहे कितना भी पैसे वाला है या पावर वाला हो। वक्त लग सकता है, माफी नहीं है।”

गौरतलब है कि 12 सितंबर रात लगभग तीन बजे अभिनेत्री दिशा पाटनी के बरेली स्थित पैतृक घर पर अज्ञात हमलावरों ने गोलियां चलाईं थीं। यह हमला उस परिवार पर किया गया जहां अभिनेत्री दिशा पटानी की बड़ी बहन और सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी खुशबू पटानी अपने पूर्व पुलिस अधिकारी पिता जगदीश पटानी व अन्य परिजन के साथ रहती हैं। घटना से पहले 11 सितंबर की रात भी उसी घर पर एक गोली चली चुकी थी। पुलिस ने बताया कि 11 सितंबर की रात की यह घटना गोल्डी बराड़ गैंग के बागपत निवासी नकुल और विजय ने अंजाम दी थी। 12-13 सितंबर की रात हुए हमले की जिम्मेदारी रोहित गोदारा व गोल्डी बराड़ गैंग ने ली थी। वारदात बाद से ही हमलावरों की तलाश की जा रही थी। दिल्ली पुलिस और यूपी एसटीएफ साथ मुठभेड़ में दोनों आरोपी रविंद्र और अरुण गाजियाबाद ट्रोनिका सिटी में मारे गए थे।

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