
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), अटल पेंशन योजना (APY), NPS-लाइट और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसियों (CRAs) द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के लिए शुल्क ढांचे में बदलाव किया है। नया शुल्क ढांचा 1 अक्टूबर से लागू होगा और यह जून 2020 में जारी पुराने नियमों की जगह लेगा।
कितना होगा नया चार्जसरकारी क्षेत्र (NPS और UPS) के लिए शुल्क
PRAN खोलने का शुल्क
– ई-PRAN किट (डिफॉल्ट ऑप्शन): ₹18
– फिजिकल PRAN कार्ड: ₹40
– वार्षिक रखरखाव शुल्क (AMC): ₹100 प्रति खाता
– जिन खातों में जीरो बैलेंस है, उन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
– ट्रांजैक्शन शुल्क: नहीं लगेगा (Nil)
अटल पेंशन योजना और NPS-Lite के लिए शुल्क
– PRAN खोलने का शुल्क: ₹15
– वार्षिक रखरखाव शुल्क: ₹15
– ट्रांजैक्शन शुल्क: नहीं लगेगा (Nil)
प्राइवेट सेक्टर (NPS और NPS वात्सल्य) के लिए शुल्क
– PRAN खोलने का शुल्क:
– ई-PRAN किट: ₹18
– फिजिकल PRAN कार्ड: ₹40
– ट्रांजैक्शन शुल्क: Nil
वार्षिक रखरखाव शुल्क (AMC) – Tier I Corpus के आधार पर
– Nil बैलेंस: कोई शुल्क नहीं
– ₹1 – ₹2,00,000 : ₹100
– ₹2,00,001 – ₹10,00,000 : ₹150
– ₹10,00,001 – ₹25,00,000 : ₹300
– ₹25,00,001 – ₹50,00,000 : ₹400
– ₹50,00,000 से ऊपर : ₹500
मुख्य गाइडलाइन्स
1. यह संशोधित शुल्क अधिकतम सीमा है। CRA इससे ज्यादा शुल्क नहीं ले सकते, लेकिन इससे कम या नेगोशिएटेड शुल्क ले सकते हैं (नियोक्ता, सब्सक्राइबर या PoPs के साथ समझौते पर)।
2. निजी क्षेत्र के लिए AMC स्लैब-आधारित है और सीधे Tier I corpus से जुड़ा है।
3. UPS सब्सक्राइबर (सरकारी क्षेत्र) के लिए ये शुल्क सिर्फ संचय चरण (निवेश जमा करने की अवधि) के दौरान लागू होंगे। पेआउट फेज (पेंशन भुगतान की अवधि) के लिए अलग से शुल्क बाद में तय होंगे।
4. CRAs द्वारा अगर कोई नई सेवा शुरू की जाती है, तो उसका शुल्क वास्तविक कीमत पर लिया जाएगा, लेकिन उस पर कोई अतिरिक्त मुनाफा नहीं लगाया जाएगा और इसे PFRDA की मंजूरी लेनी होगी।
5. सभी लागू शुल्क CRAs की ऑफिशियल वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर साफ-साफ दिखाए जाने अनिवार्य होंगे। बात दें कि अगर नए नियमों में शुल्क पहले से कम किया गया है, तो निवेशकों के लिए यह फायदेमंद होगा क्योंकि उनकी कॉन्ट्रिब्यूशन राशि का ज्यादा हिस्सा निवेश में जाएगा और नेट रिटर्न बेहतर होंगे। वहीं अगर शुल्क बढ़ा है, तो थोड़ी सी लागत बढ़ जाएगी जिससे लॉन्ग टर्म रिटर्न पर मामूली असर पड़ सकता है।