पुतिन से टाली मीटिंग, पीएम मोदी को घुमाया फोन… क्या चल रहा है डोनाल्ड ट्रंप के दिमाग में!!


Russia-Ukraine News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से इजरायल और हमास के मसले को सॉल्व किया है, तब से उनकी नजर रूस और यूक्रेन के युद्ध पर है. वे चाहते हैं कि जल्दी ही इस युद्ध को निपटाने का क्रेडिट भी उनके हिस्से आ जाए, लेकिन अफसोस ये है कि ऐसा हो नहीं पा रहा है. पहले बुडापेस्ट में ट्रंप-पुतिन की मीटिंग लगभग तय हो गई थी लेकिन अब ट्रंप ने कहा है कि वे रूस के राष्ट्रपति के साथ बेमतलब की बैठक नहीं करना चाहते. यह बयान उस समय आया जब दोनों नेताओं की आमने-सामने मुलाकात की योजना रद्द कर दी गई.

ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा – ‘मैं नहीं चाहता कि बैठक बेकार जाए. मैं अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहता.देखते हैं आगे क्या होता है.’ उन्होंने संकेत दिया कि मुलाकात न होने का मुख्य कारण रूस का यूक्रेन मोर्चे पर युद्ध न रोकना है. व्हाइट हाउस ने भी पुष्टि की कि फिलहाल दोनों नेताओं की मुलाकात की कोई योजना नहीं है. हां, इसी बीच उन्होंने पीएम मोदी को भी फोन लगाया है.

पुतिन के सामने नहीं चली ट्रंप की
कुछ हफ्ते पहले ट्रंप और पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई थी, जिसके बाद ट्रंप ने ऐलान किया था कि वे इस महीने के अंत में बुडापेस्ट में पुतिन से मिलेंगे. मंगलवार को क्रेमलिन ने कहा कि ऐसी बैठक की संभावना अब बहुत कम है. इसके बाद व्हाइट हाउस ने घोषणा की कि यह बैठक आधिकारिक रूप से रद्द कर दी गई है. रूसी प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, जिस चीज को तय ही नहीं किया गया था, उसे स्थगित नहीं कहा जा सकता. उन्होंने साफ कहा कि न कोई तारीख तय थी और न ही कोई तैयारी. इधर जेलेंस्की वॉशिंगटन में कह रहे थे कि पुतिन डर गए और वे बातचीत को तैयार हैं. उधर पुतिन की ओर से वो बैठक भी रद्द कर दी गई विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव के बीच बुडापेस्ट शिखर वार्ता की तैयारी के लिए होनी थी.

जब बात पुतिन से वार्ता पर नहीं बनी, तो डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन मिला दिया. आपको बता दें कि पहले ही रूस से तेल खरीद के मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं. जब इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई खास नुकसान नहीं दिखा, तो ट्रंप ने तमाम धमकियां दीं लेकिन एक बार फिर पीएम मोदी को फोन करके उन्होंने दीपावली की शुभकामना के साथ ही ये भी कहा कि रूस के साथ भारत अपना तेल व्यापार ‘कम’ कर दे. वे पहले इसे बंद करने की मांग कर रहे थे, लेकिन अब कम करने की बात कह रहे हैं. चीन पर भी रूस से व्यापार के चलते ट्रंप का टैरिफ वॉर जारी है. बात साफ है, पुतिन से सीधी बातचीत की उम्मीदें खत्म होने के बाद ट्रंप फिर से व्यापार के जरिये दबाव की नीति पर लौट आए हैं.

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