
Satya Pal Malik News: जम्मू-कश्मीर विधानसभा के शरदकालीन सत्र की शुरुआत गुरुवार को श्रीनगर में हुई. सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर से मृत्युलेखों की प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित करने की मांग की. उनका कहना है कि इससे सत्र का कीमती समय बचाया जा सकता है.
मृत्युलेखों में बदलाव की मांग
उमर अब्दुल्ला ने सुझाव दिया कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भारतीय संसद की तर्ज पर मृत्युलेख प्रक्रिया अपनानी चाहिए. उन्होंने कहा, “संसद में केवल मौजूदा विधायक या सांसद के निधन पर ही विस्तृत चर्चा होती है. बाकी मामलों में अध्यक्ष संक्षिप्त मृत्युलेख पढ़ते हैं, जिसके बाद प्रश्नोत्तर सत्र शुरू हो जाता है.”
श्रद्धांजलि सभा में गरमाया माहौल
सत्र की शुरुआत में श्रद्धांजलि सभा हुई, जिसमें पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और कई पूर्व विधायकों को याद किया गया. लेकिन अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में सत्यपाल मलिक की भूमिका पर एक एनसी विधायक की टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया. भाजपा विधायकों ने इसका कड़ा विरोध किया, जिसके बाद तीखी बहस हुई. सात लोगों को श्रद्धांजलि देने के बाद सत्र को सोमवार तक स्थगित कर दिया गया.
विपक्ष का विरोध और मेहराज मलिक की रिहाई की मांग
सत्र शुरू होने से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस विधायकों ने आप विधायक मेहराज मलिक की रिहाई की मांग को लेकर हंगामा किया. मेहराज मलिक पीएसए के तहत कठुआ जेल में बंद हैं. अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की अनुमति नहीं दी और इसे बाद के लिए टाल दिया.पूर्व विधायकों के लिए समिति की मांग
गुरेज के विधायक नजीर अहमद खान ने श्रद्धांजलि सभा के दौरान सुझाव दिया कि पूर्व विधायकों के परिवारों की आर्थिक स्थिति का आकलन करने के लिए एक समिति बनाई जाए. इस मांग को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया.
आगामी सत्र में गर्माएंगे ये मुद्दे
9 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में कई अहम विधेयक पेश होने की उम्मीद है, जिनमें जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989 और जीएसटी अधिनियम, 2017 में संशोधन शामिल हैं. इसके अलावा, राज्य का दर्जा बहाल करने, आरक्षण नीतियों और दिहाड़ी मजदूरों के नियमितीकरण जैसे मुद्दों पर भी विपक्ष सरकार को घेरेगा. उमर अब्दुल्ला ने दावा किया है कि राज्यसभा चुनाव में उनकी पार्टी भारी जीत हासिल करेगी.
सोमवार को फिर शुरू होगा सत्र
शुक्रवार को विधानसभा में राज्यसभा के चार सदस्यों का चुनाव होगा, जिसके कारण कोई कार्यवाही नहीं होगी. नेशनल कॉन्फ्रेंस और भाजपा के बीच इस चुनाव में कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है.