कब्रिस्तानों की घेराबंदी-मदरसों को मान्यता. नीतीश कुमार ने गिनाए मुसलमानों के लिए किए काम, कहा- पहले सिर्फ वोट बैंक थे

कब्रिस्तानों की घेराबंदी-मदरसों को मान्यता. नीतीश कुमार ने गिनाए मुसलमानों के लिए किए काम, कहा- पहले सिर्फ वोट बैंक थे

बिहार चुनाव में राजनीतिक पार्टियां हर वर्ग को लुभाने में जुटी हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को मुस्लिम समुदाय को अपनी ओर लाने के लिए ज़ोरदार अभियान शुरू किया है और पिछली सरकारों पर मुस्लिम समुदाय के विकास और उत्थान के लिए कोई कदम न उठाने का आरोप लगाया.

नीतीश कुमार ने कहा कि मुस्लिमों को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया गया है.

जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख यहीं नहीं उन्होंने अपनी सरकार के रिकॉर्ड की तुलना पिछली सरकारों से करते हुए मुस्लिम समुदाय से आग्रह किया कि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में वोट डालते समय उनकी सरकार की कामों को याद रखें.

मुख्यमंत्री ने एक एक्स पोस्ट में कहा, “2005 से पहले, राज्य में मुस्लिम समुदाय के लिए कोई काम नहीं किया गया था.

उससे पहले, बिहार सरकार उन्हें सिर्फ वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करती थी. राज्य के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक झड़पें आम बात थीं.”

राजद पर लगाए आरोप

नीतीश के इस हमले का निशाना लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनता दल थी, जिसने 1990 से 2005 तक राज्य में लगातार सरकारें चलाईं. इस दौरान हुए संप्रदायिक दंगों को नीतीश कुमार ने याद दिलाया और आरोप लगाया कि बना कुछ किए समुदाय का वोट पिछली सरकारें लेती रही हैं.

अपनी सरकार में अल्पसंख्यकों के लिए हुए कामों पर दिया जोर

अपने इस पोस्ट में नीतीश कुमार ने 24 नवंबर, 2005 को पदभार ग्रहण करने के बाद से बिहार में मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासों पर जोर दिया. सरकारी पहलों को बताते हुए, उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का 2025-26 का बजट 306 गुना बढ़ाकर 1,080.47 करोड़ रुपये कर दिया गया है. साथ ही सांप्रदायिक तनाव को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं और 2006 से ही संवेदनशील कब्रिस्तानों की बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया गया है.

भागलपुर दंगों के आरोपियों को दी सजा

नीतीश कुमार ने भागलपुर दंगों का जिक्र करते हुए कहा, “जब यही विपक्षी दल सत्ता में थे, तो 1989 में भागलपुर में सांप्रदायिक दंगे हुए, सरकार दंगों को रोकने में विफल रही और पिछली सरकारों ने दंगा पीड़ितों के लिए कुछ नहीं किया.” उन्होंने कहा, “जब हम सरकार में आए, तो हमने भागलपुर सांप्रदायिक दंगों की जांच की, अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की और दंगा पीड़ितों को मुआवजा दिया.”. साथ ही लोगों को याद दिलाया कि उनकी सरकार ने पीड़ितों के लिए पेंशन योजना शुरू की है और अब कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं है

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