
नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में एक आईएएस अधिकारी और एक सीनियर इंजीनियर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है, जिसके चलते दो आत्महत्याएं हो गईं. पहली मौत 23 अक्टूबर को हुई – एक 19 साल के युवक की, जिसने अपनी सुसाइड नोट में महीनों के यौन शोषण, धमकियों और मानसिक यातनाओं का जिक्र किया. सुसाइड नोट में लिखा था: “मेरी मौत का कारण तालो पोटम (आईएएस) है. अगर उन्होंने मुझे इस पद पर न रखा होता, तो मैं आत्महत्या न करता. उनके कारण ही मैंने सब कुछ किया, और अब जीने का कोई रास्ता नहीं बचा.”
नोट में कथित अंतरंग संबंधों, धोखे, पैसे के वादे तोड़ने और बाद में धमकियों का भी उल्लेख था. एक हिस्से में उसने लिखा कि उसे एचआईवी हो गया है और एक अधिकारी ने उसे छोड़ दिया तथा ब्लैकमेल किया. नोट सामने आने के कुछ घंटों बाद, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) का इंजीनियर कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर लिया. इन दो घटनाओं ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया.
पुलिस के अनुसार, मृतक का शव सुबह करीब 11 बजे एक पड़ोसी को मिला, जिसने दरवाजा खुला देखा और अंदर से कोई जवाब न मिलने पर चिल्लाया. निरजुली पुलिस स्टेशन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 194 के तहत अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज किया. मामले में बड़ा मोड़ तब आया जब मृतक के पिता ने निरजुली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई. इसमें पूर्व डिप्टी कमिश्नर तालो पोटम (जो फिलहाल दिल्ली में पीडब्ल्यूडी के सेक्रेटरी हैं) और एक्जीक्यूटिव इंजीनियर लिकवांग लोवांग पर आत्महत्या के लिए उकसाने, यौन शोषण और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया गया.
नोट में कथित अंतरंग संबंध, धोखा, वित्तीय मदद के वादे न निभाने और धमकियों का खुलासा था. इसमें एक स्पष्ट बयान था, “अगर मैं मरता हूं, तो उसके कारण. कृपया मुझे न्याय दें.” एफआईआर में कहा गया: “मृतक के सुसाइड नोट से साफ है कि तालो पोटम, आईएएस (फिलहाल दिल्ली में पीडब्ल्यूडी के स्पेशल सेक्रेटरी) और लिकवांग लोवांग, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (आरडब्ल्यूडी), चियांग ताजो में तैनात, ने उसे इतना परेशान किया कि वह हताश हो गया और मौत को गले लगा लिया.”
एफआईआर में आगे आरोप लगाए गए, “उसने कहा कि तालो पोटम ने उसे लगातार भ्रष्टाचार करने और विभागीय कामों व फंड्स में अवैध फायदे देने के लिए दबाव डाला. बाद में उसे संविदा पर एमटीएस के पद पर रखा और अपने अवैध काम करवाए. इसके बाद, आरोपी ने समलैंगिक संबंध बनाकर उसका यौन शोषण किया. सुसाइड नोट, जो मरते हुए का बयान है, मृतक की मानसिक स्थिति और आरोपियों की भूमिका का प्राथमिक सबूत है.
अनुरोध किया गया कि इस नोट को तुरंत जब्त किया जाए, संरक्षित रखा जाए और फोरेंसिक व हैंडराइटिंग जांच के लिए भेजा जाए. कॉल रिकॉर्ड, इलेक्ट्रॉनिक संचार और अन्य सबूतों की तुरंत जांच हो, ताकि न्याय न मिटे. मृतक का परिवार और शुभचिंतक एक ऐसी जिंदगी खो चुके हैं, जो सत्ता के क्रूरता के कारण बचाई जा सकती थी. इसलिए प्रार्थना है कि मामला दर्ज हो और गंभीरता से जांच हो, ताकि दोषी को सजा मिले और उदाहरण बने कि कोई भी, चाहे कितना बड़ा हो, कानून से ऊपर नहीं है.




