
कहानी है उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की — एक युवक, अब्दुल (उर्फ सैफ), और एक लड़की, सृष्टि — जिनके बीच लगभग एक साल से दोस्ती थी। आरोप है कि अब्दुल ने सृष्टि को शादी के लिए धर्म बदलने का दबाव देना शुरू कर दिया। लेकिन जब सृष्टि ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, तो वह पहले “दोस्त” था, पर अब बदला लेने वाला बन गया। एक रात, चुपके से, उसने सृष्टि के घर में घुस कर ब्लेड निकाला — और उसकी गर्दन काट दी। अचानक हुए इस हमले ने सबको हिला कर रख दिया।
एक साल की दोस्ती का वो अँधेरा पहलू
शुरू में उसकी दोस्ती मासूम और सामान्य लग रही थी — लेकिन धीरे-धीरे खामोशी और दबाव में बदलने लगी। अब्दुल बार-बार शादी के लिए धर्म बदलने की बात करता था, जिस पर सृष्टि ने साफ मना कर दिया था। यही इंकार उसकी ज़िंदगी के लिए मौत साबित हुआ। एक तरफ दोस्ती, दूसरी तरफ जबरदस्ती — और बीच में खौफनाक चुप्पी। फिर उस रात, सृष्टि ने गला रेतते हुए न्याय की गुहार की।
दिल दहला देने वाला हमला — अस्पताल और फरार आरोपी
घटना के समय अब्दुल सृष्टि के घर के सामने चाय पी रहा था — जब वह देख-देख कर मौका देखने लगा, और अन्ततः घुसकर वार कर दिया। सृष्टि गम्भीर रूप से घायल हुई — गले और हाथ पर गहरी चोटें थीं। उसे पहले नज़दीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर विषम हालत देखते हुए वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। वहीं आरोपी अब्दुल फौरन फरार हो गया — पुलिस उसकी तलाश में है।
पुलिस की जाँच और सवालों की बरसात
पुलिस के शुरुआती दावे हैं कि यह मामला सिर्फ एक “निजी रंज-इश्क” नहीं है, बल्कि जबर्दस्ती के दबाव, धर्म को लेकर असहमति और इमोशनल बिनार के बीच हुआ है। सवाल यह है: क्या इतनी गहरी दोस्ती में छुपा था इतना खौफनाक चश्मा? क्या सिर्फ “ना” कहने से किसी की ज़िन्दगी खत्म हो सकती है? अब्दुल की तलाश जारी है — और सृष्टि की जान बची है, पर कई सवालों के साथ।
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