महाराजा भूपिंदर सिंह की भूख काˈ राज, चाय के साथ दो मुर्गे खा जाते थे, हरम में थीं 350 महिलाऐं

देश की आजादी से पहले भारत में कई देसी रियासतें हुआ करती थीं। इन राजाओं के शौक एक से बढ़कर एक थे। लेकिन पटियाला रियासत के सातवें महाराजा भूपिंदर सिंह की कहानी सबसे अलग है। आइए, उनके बारे में जानते हैं और उनके अनोखे शौकों पर नजर डालते हैं।

अंग्रेज अफसर हो जाते थे दंग

पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह की राजसी जीवनशैली और उनकी जबरदस्त भूख की कहानियां आज भी लोगों को हैरान कर देती हैं। उनकी लाइफस्टाइल देखकर अंग्रेज अफसर तक दंग रह जाते थे। पराठा और कबाब के दीवाने महाराजा के बारे में मशहूर है कि वो अकेले ही 5 लोगों जितना खाना खा जाते थे।

चाय की चुस्की के साथ खा जाते थे मुर्गा

इतिहासकार डोमिनीक लापियर और लैरी कॉलिन्स की किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ में जिक्र है कि महाराजा भूपिंदर सिंह की भूख इतनी तेज थी कि वो दिनभर में दस सेर खाना चट कर जाते थे। खासतौर पर चाय की चुस्कियों के साथ दो मुर्गे खा जाना उनके लिए आम बात थी। उनकी इस आदत को सुनकर न सिर्फ आम लोग बल्कि पहलवान भी हैरत में पड़ जाते हैं।

रत्न जड़ित थाली में करते थे भोजन

महाराजा भूपिंदर सिंह का शाही किचन भारत के सबसे शानदार रसोईघरों में गिना जाता था। यहां 50 से ज्यादा बावर्ची और एक्सपर्ट कुक काम करते थे, जो लखनऊ, अवध, काबुल और अफगानिस्तान से बुलाए गए थे। हर रोज 40-50 तरह के पकवान बनते थे, जो चांदी और सोने की थालियों में परोसे जाते थे। कभी-कभी तो हीरे-मोती जड़े थालों का भी इस्तेमाल होता था।

पटियाला पैग की चर्चा आज भी

एक बार एक अंग्रेज अफसर महाराजा भूपिंदर सिंह के साथ डिनर करने पहुंचे। उन्होंने देखा कि उनकी थाली में 15 तरह के पराठे और कबाबों का ढेर लगा रहता था। ये खबर आप गज़ब वायरल में पढ़ रहे हैं। चाय के साथ दो मुर्गे खाना उनके लिए नॉर्मल था और साथ में वो ‘पटियाला पैग’ की सिप लेते रहते थे। महाराजा की राजसी लाइफ में शराब का भी खास रोल था। उनके ‘पटियाला पैग’ की चर्चा आज भी होती है, जिसे उन्होंने ही पॉपुलर किया। उनकी भूख और शौकों की कहानियां आज भी लोगों को चौंकाती हैं।

हरम में थीं 350 महिलाएं

महाराजा भूपिंदर सिंह के बारे में कहा जाता है कि वो छह फीट चार इंच लंबे थे। महाराजा सिर्फ खाने-पीने के शौकीन नहीं थे, बल्कि उनके दूसरे शौक भी कम मशहूर नहीं। उनके हरम में 350 महिलाएं थीं। उनके पास 500 बेहतरीन पोलो घोड़े थे। इतिहास में ऐसे कम ही राजा हुए हैं, जिनकी भूख की इतनी कहानियां फेमस हैं।

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