निक्की के आखिरी शब्द- सिलेंडर फटने से झुलसी… क्या यही बयान सजा से पाएगा विपिन को?!

निक्की के आखिरी शब्द- सिलेंडर फटने से झुलसी… क्या यही बयान सजा से पाएगा विपिन को?

ग्रेटर नोएडा के निक्की हत्याकांड को 7 दिन हो चुके हैं. मगर इस केस की गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती जा रही है. निक्की हत्याकांड के आरोप में पति विपिन भाटी, सास-ससुर और देवर फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं. जहां एक तरफ निक्की का परिवार इसे हत्या बता रहा है. तो वहीं, विपिन के गांव वाले इसे सुसाइड बता रहे हैं. अब इस केस में मौत से पहले निक्की का वो बयान सामने आया है, जिससे कहीं न कहीं विपिन को सजा से राहत मिल सकती है.

दरअसल, 21 अगस्त की शाम को 6 बजे जब निक्की को अस्पताल लाया गया, तब उसने कहा था कि घर पर सिलेंडर फटने से आग लग गई थी. इसी आग में वो झुलसी है. अस्पताल की मेमो कॉपी में भी यही बात लिखी गई है. इसे पुलिस को दे दिया गया था. पुलिस ने जब निक्की के घर पर जांच की तो पाया कि घर पर सिलेंडर फटने जैसी तो कोई घटना हुई ही नहीं है. वहां बस उन्हें थिनर जरूर मिला.

अब निक्की के इस आखिरी बयान से क्या विपिन को सजा से राहत मिल पाएगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. दरअसल, न्यायालय मृतक के मरने से पहले दिए गए बयान को साक्ष्य के रूप में स्वीकार करता है. लेकिन यह बयान भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 32(1) के तहत मृत्यु के कारण से संबंधित होना चाहिए. साथ ही न्यायालय को इस बात का संतोष होना चाहिए कि बयान देते समय व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ था और बयान सत्य व स्वैच्छिक था. इसे मृत्युकालिक घोषणा कहते हैं, और कानून का मानना है कि मरते हुए व्यक्ति के अंतिम शब्द ईमानदार होते हैं.

बयान कौन दर्ज कर सकता है?

  • यह किसी मजिस्ट्रेट द्वारा या पुलिस अधिकारी द्वारा दर्ज किया जा सकता है.
  • मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में दिया गया बयान अधिक विश्वसनीय माना जाता है.
  • यदि आपात स्थिति हो और मजिस्ट्रेट को बुलाना संभव न हो, तो डॉक्टर जैसे किसी भी सार्वजनिक सेवक द्वारा भी बयान दर्ज किया जा सकता है.

पुलिस अभी भी हर एंगल से इस केस की जांच कर रही है. इधर निक्की की बहन का लगातार यही कहना है कि उसकी आंखों के सामने निक्की को मारा गया है. निक्की के बेटे का भी यही बयान है. उसने कहा- पहले मम्मा पर कुछ डाला, फिर लाइटर से उन्हें जला दिया गया.

विपिन का सपोर्ट कर रहे गांव वाले

दूसरी तरफ विपिन के पड़ोसियों का कहना है कि भाटी परिवार बेकसूर है. निक्की ने अपने आप खुद को आग के हवाले किया. उल्टा निक्की के ही परिवार को वो लोग गलत बता रहे हैं. एक पड़ोसी महिला ने कहा- मैं विपिन को तब से जानती हूं जब से वो पैदा हुआ है. शराब पीता था मगर ऐसा नहीं था कि पत्नी को मार ही डाले.

महिला ने कहा- निक्की की पिटाई का जो वीडियो वायरल हुआ है, वो दो साल पुराना है. पति-पत्नी के बीच झगड़ा तो होता ही रहता है. हमें बस इतना पता है कि जिस रोज ये वारदात हुई, उस दिन विपिन ने निक्की से पानी मांगा था. बस इसी बात को लेकर लड़ाई हुई थी. क्योंकि निक्की ने उसे पानी नहीं दिया था. एक अन्य पड़ोसी ने कहा- निक्की के घर वाले झूठ बोल रहे हैं. विपिन के परिवार में पैसों की कमी नहीं थी. स्कॉर्पियो उन्होंने खुद विपिन को दी थी और जब नाती हुआ तो बुलेट बाइक भी निक्की के पापा ने खुद मर्जी से दी.

‘निक्की ने खुद आग लगाई थी’

पड़ोसी ने कहा- विपिन शराब पीता था और अगर उसने पीट भी दिया तो वो तो हर पति-पत्नी में होता ही है. मगर आग निक्की ने खुद लगाई. कंचन जो कुछ भी बोल रही है वो झूठ है. वो निक्की की बड़ी बहन थी. अगर निक्की को आग लगा भी रहे थे तो उसने उसे बचाने की कोशिश क्यों नहीं की? क्या वीडियो बनाना उसके लिए ज्यादा जरूरी था? इस वीडियो में कहीं भी नहीं दिखा रहा कि विपिन ने निक्की को आग लगाई है. वीडियो में खुद निक्की की बहन बोल रही है कि बाबू तूने ये क्या किया? यही सबूत है कि विपिन का इसमें कोई हाथ नहीं है.

‘घटना के समय विपिन नीचे खड़ा था’

एक अन्य पड़ोसी युवक ने कहा- हम अक्सर विपिन के साथ रहते थे. उसने कभी भी घर में हो रहे किसी विवाद का जिक्र नहीं किया. वो अपने काम से मतलब रखता था. जिस दिन ये घटना हुई वो नीचे खड़ा था. जब हल्ला मचा कि निक्की ने आग लगा ली है तब वो भागकर ऊपर गया. इसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. इसमें विपिन घटना के वक्त घर के नीचे खड़ा दिखाई दिया.

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