क्या सोने के अच्छे दिन खत्म…₹12000 लुढ़कने के बाद गोल्ड ने किया बाउंसबैक!


Gold Rate: सोने-चांदी की कीमत में एक बार फिर से उछाल देखने को मिला है. सोने की कीमत फिर से चढ़ने लगी है. हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सोने ने बाउंस बैंक किया और कीमत 1 लाख 20 हजार के पार पहुंच गई. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिशन की वेवसाइट पर जारी रेट लिस्ट के मुताबिक 24 कैरेट वाले सोने की कीमत करीब 1200 रुपये उछलकर 120815 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया.

24 कैरेट से लेकर लेकर 14 कैरेट वाले सोने की कीमत
31 अक्टूबर को सोने-चांदी की कीमत कुछ इस तरह से रही है. 24 कैरेट वाला सोना 120815 रुपये प्रति 10 ग्राम, 23 कैरेट वाले सोने की कीमत 120331 रुपये प्रचि 10 ग्राम, 22 कैरेट वाले सोने की कीमत 110667 रुपये प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट वाले सोने की कीमत 90611 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई. चांदी की कीमत 2359 रुपये चढ़कर 149142 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है.

MCX पर सोने की कीमत
आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को कीमती धातुओं की कीमत में गिरावट देखी गई. एमसीएक्स पर सोने और चांदी की कीमतों में यह गिरावट मजबूत अमेरिकी डॉलर के बीच इंटरनेशनल बुलियन कीमतों में गिरावट के कारण दर्ज की गई. एमसीएक्स पर सोना पिछले बंद भाव 1,21,508 रुपए प्रति 10 ग्राम के मुकाबले 0.29 प्रतिशत की गिरावट के बाद 1,21,148 प्रति 10 ग्राम खुला. एमसीएक्स पर चांदी भी अपने पिछले बंद रेट 1,48,840 रुपए प्रति किलोग्राम के मुकाबले 0.47 प्रतिशत की गिरावट के बाद 1,48,140 प्रति किलोग्राम पर खुला.

हालांकि दोपहर के कारोबार में कुछ रिकवरी दर्ज की गई.दोपहर करीब 1 बजकर 2 मिनट पर 5 दिसंबर को खत्म होने वाला सोने का वायदा कॉन्ट्रैक्ट 0.37 प्रतिशत बढ़कर 1,21,901 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जबकि चांदी का वायदा कॉन्ट्रैक्ट 1,49,753 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा था.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड सुबह 0.5 प्रतिशत गिरकर 4,004 डॉलर प्रति औंस पर आ गया, जो मजबूत डॉलर और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा आगामी ब्याज दरों की कम उम्मीदों के बीच दबाव में रहा. जबकि दिसंबर डिलीवरी के लिए अमेरिकी सोने का वायदा भाव 4,016.70 डॉलर प्रति औंस पर अपरिवर्तित रहा. शुक्रवार की शुरुआती गिरावट के बावजूद अक्टूबर में लगभग 3.9 प्रतिशत बढ़ने वाली पीली धातु अभी भी लगातार तीसरे महीने बढ़त की ओर है. अमेरिकी डॉलर इंडेक्स अभी भी अपने तीन महीने के उच्चतम स्तर के करीब कारोबार कर रहा था, जिससे आम तौर पर कीमती धातुओं में सेंटीमेंट कमजोर हुआ और अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए बुलियन कम आकर्षक हो गया.

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