
जयपुर में मंगलवार सुबह हुए बस हादसे के बाद फिर से स्लीपर बसों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। जयपुर में मंगलवार को एक बस हाईटेंशन लाइन से टकरा गई। बस में करंट आ गया, जिसके बाद आग लग गई। हादसे में उत्तर प्रदेश के रहने वाले 3 लोगों की मौत हो गई, 10 मजदूर झुलस गए।
बस के ऊपर सिलेंडर भी थे, जिनमें से एक में विस्फोट हुआ है। मामला जयपुर शहर से 50 किलोमीटर दूर मनोहरपुर इलाके का है।
जयपुर कलेक्टर जितेंद्र सोनी ने बताया कि 65 मजदूरों को टोडी स्थित ईंट भट्टे पर लाया जा रहा था। इसी दौरान हादसा हो गया। इसमें गंभीर रूप से घायल 5 लोगों को जयपुर रेफर किया गया है।
देश में बीते 14 दिनों में बस में आग की यह 5वीं घटना है। इससे पहले 14 अक्टूबर को जैसलमेर में बस में आग लगी थी। इसके बाद 24, 25 और 26 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश, यूपी और एमपी में भी ऐसे ही हादसे हुए।
बस में आग लगते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और बस में फंसे लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस में आग लगने के बाद कई धमाके भी हुए थे। धमाकों का कारण सिलेंडर ब्लास्ट बताया जा रहा है। बस में 5 से ज्यादा सिलेंडर थे।
ग्रामीणों ने बताया कि बस में लगी आग को बुझाने के लिए आसपास के कई इलाकों से फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को बुलाया गया था।
ग्रामीणों ने बताया कि पहले भी कई बार प्रशासन को इन हाईटेंशन लाइन को हटाने के लिए कहा था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
एसएमएस हॉस्पिटल के डॉक्टर्स का कहना है कि बर्न यूनिट और दूसरे विभागों के डॉक्टर्स की टीम अलर्ट पर है।
बस हादसे की जानकारी मिलते ही जयपुर कलेक्टर जितेंद्र सोनी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि बस में 65 यात्री थे। सभी उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के रहने वाले हैं। यहां मजदूरी के लिए ईंट भट्टे पर आए थे।
भट्टे पर पहुंचने से करीब 300 मीटर पहले हादसा हो गया। हादसे में नसीम (50) और सहीनम (20) की मौत हो गई। एक अन्य मृतक की पहचान नहीं हो पाई है।





