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अंधविश्वास की कहानी: एक दिन बादशाह अकबर ने` बीरबल से पूछा – “बीरबल, यह अविद्या क्या होती है?” बीरबल मुस्कुराया और बोला – “जहाँपनाह, मुझे चार दिन की छुट्टी दें

अंधविश्वास की कहानी: एक दिन बादशाह अकबर ने` बीरबल से पूछा – “बीरबल, यह अविद्या क्या होती है?” बीरबल मुस्कुराया और बोला – “जहाँपनाह, मुझे चार दिन की छुट्टी दें

एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा –👉 “बीरबल, यह अविद्या (अज्ञान) क्या होती है?” बीरबल मुस्कुराया और बोला...

गाँव के छोर पर बंसी काका रहते थे।` उम्र ढल चुकी थी, मगर हिम्मत अब भी बैल जैसी थी। बेटे शहर का रुख कर चुके थे, खेत-खलिहान भी धीरे-धीरे बिक-बिक कर कम हो चले थे। अब उनके पास बस एक कच्चा मकान था, थोड़ा-सा आँगन और उनकी सबसे बड़ी साथी—बकरी लाली
एक बार एक बहुत शक्तिशाली सम्राट हुआ। उसकी` बेटी इतनी सुंदर थी कि देवता तक सोचते थे—अगर उससे विवाह हो जाए तो उनका जीवन धन्य हो जाएगा। उसकी सुंदरता की चर्चा पूरी त्रिलोकी में फैल गई थी। सम्राट भी यह जानते थे। एक रात सम्राट पूरी रात अपने कक्ष में टहलते रहे। सुबह महारानी ने देखा और
आज हमेशा के मुकाबले ट्रेन में कम भीड़` थी। सुरेखा ने खाली जगह पर अपना ऑफिस बैग रखा और खुद बाजू में बैठ गई। पूरे डिब्बे में कुछ मर्दों के अलावा सिर्फ सुरेखा थी। रात का समय था सब उनींदे से सीट पर टेक लगाये शायद बतिया रहे थे या ऊँघ रहे थे। अचानक डिब्बे में 3-4 तृतीय पंथी तालिया बजाते हुए पहुँचे और मर्दों से 5-10 रूपये वसूलने लगे। कुछ ने चुपचाप दे दिए कुछ उनींदे से बड़बड़ाने
एक दिन सही कीमत सही जगह पर ही` मिलती है एक पिता जो बुढ़ापे में बिस्तर पर पड़ा था, उसने अपनी बेटी को बुलाया और कहा, “बेटी, मैंने तुम्हें खूब पढ़ाया-लिखाया और एक शिक्षित व्यक्ति बनाया है। अगर मैं मर गया, तो मैं तुम्हारे लिए जीवन भर कोई संपत्ति नहीं बनाऊंगा। मैंने जो भी कमाया है, वह तुम्हारी पढ़ाई पर खर्च हो गया
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