CBI ने ऑपरेशन चक्र-V के तहत 7 राज्यों में साइबर ठगों के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी की है. जिसके तहत 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस छापेमारी में फर्जी अकाउंट्स से जुड़े मोबाइल, बैंक दस्तावेज और ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड बरामद किए गए हैं.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने साइबर अपराधियों के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज कर दिया है. ऑपरेशन चक्र-V के तहत 16 जुलाई को CBI ने 7 राज्यों- दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश, केरल, पंजाब, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में एक साथ छापेमारी की है. इस कार्रवाई में फर्जी बैंक अकाउंट्स के नेटवर्क को चलाने वाले 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. छापेमारी के दौरान CBI को कई मोबाइल फोन, बैंक दस्तावेज, KYC पेपर और साइबर ठगी से जुड़े ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड मिले हैं.
CBI के मुताबिक ये फर्जी अकाउंट्स डिजिटल अरेस्ट, फर्जी निवेश योजनाओं और ऑनलाइन ठगी जैसे अपराधों में इस्तेमाल हो रहे थे. इससे पहले 25 जून को CBI ने 37 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था और जून में ही 40 ठिकानों पर छापेमारी कर 10 लोगों को गिरफ्तार किया था. बता दें कि अब इस ताजा कार्रवाई में साइबर ठगों के नेटवर्क पर और गहरी चोट पहुंचाई गई है.
तीन स्तरों पर साजिश को दिया जाता है अंजाम: CBI
CBI ने बताया कि साइबर ठगी का यह नेटवर्क तीन स्तरों पर काम करता है. पहला स्तर है फाइनेंशियल नेटवर्क का यानी फर्जी बैंक अकाउंट्स और पेमेंट चैनल्स के जरिए जो ठगी की जाती है. दूसरा स्तर है कि सिम कार्ड नेटवर्क के जरिए यानी फर्जी सिम कार्ड एक्टिवेट करने वाले एजेंट्स जो ठगी करते हैं. तीसरा स्तर है ह्यूमन नेटवर्क का जो ठगी के लिए लोगों की भर्ती करने वाले सिंडिकेट होते हैं.
आम लोगों से सतर्क रहने की अपील
CBI का कहना है कि यह नेटवर्क केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका दायरा अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ है. इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए CBI लगातार कार्रवाई कर रही है. बता दें कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों को जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा. जांच अभी भी जारी है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. यह कार्रवाई साइबर अपराध के खिलाफ CBI की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. आम लोगों से अपील की गई है कि वे ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें. ताकि ऐसे गिरोहों का पर्दाफाश किया जा सके.