
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक थानेदार ने ना सिर्फ शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ा दी बल्कि अपनी ही पुलिस टीम की ऐसी-तैसी कर दी। जिले बोचहां थाना में पुलिसकर्मी आपस में ही टकड़ा गए
थानेदार ने दारोगा समेत पुलिस टीम को सरकारी गाड़ी से उतार दिया। काफी अपशब्द कहा और खाली गाड़ी लेकर थाना आ गए। गाड़ी से उतारे गए दारोगा और जवान डेढ़ किमी.पैदल चलकर थाना लौटे। इस घटना के बाद दारोगा ने थानेदार की बदसलूकी की शिकायत एसएसपी को आवेदन भेजकर की है।
बोचहां थाना के दारोगा प्रमोद पांडेय ने एसएसपी से की गई शिकायत में बताया है कि वह शुक्रवार को थाना में 9.43 बजे बैठकर कांड का निष्पादन कर रहे थे। तभी डायल 112 के सिपाही राहुल कुमार के मोबाइल पर सूचना आई कि शरवानी चक गांव में एक युवक व युवती को कुछ लोग बांधे हुए हैं।
राहुल ने इस घटना के बारे में बताया। शिकायतकर्ता ने कहा था कि पुलिस टीम शीघ्र गांव में नहीं पहुंची तो युवक-युवती की बुरी तरह पिटाई की जाएगी।
इसकी जानकारी देने के लिए थानेदार की तलाश की गई, लेकिन वे थाने में नहीं मिले। इसके बाद उन्हें कॉल की। उनके मोबाइल पर भी संपर्क नहीं हो सका। इसलिए सूचना के अलोक में पुलिस कर्तव्य को देखते हुए सिपाहियों को साथ में लेकर वह थाने की गाड़ी से शरवानी चक के लिए रवाना हुए। इसी क्रम में बीच रास्ते में थानाध्यक्ष पुलिस टीम की गाड़ी को रोका और पूछा कि कहां जा रहे हो। उन्हें सारी बात बताई गई। इसके बाद वह अपशब्द बोलने लगे। सभी पुलिस कर्मियों को गाड़ी से उतार दिया।
दारोगा ने आवेदन में आरोप लगाया है कि थानेदार नशे में थे, वह बोलने लगे कि उनके आदेश के बगैर थाने से गाड़ी लेकर क्यों निकला। यह कहते हुए सभी पुलिस कर्मियों को गाड़ी से उतार दिया और गाड़ी लेकर थाना चले गए। सारे पुलिस कर्मी पैदल ही बोचहां थाना लौटकर आए। इस तरह डायल 112 पर आई शिकायत पर तत्काल कार्रवाई नहीं हो सका। दारोगा की शिकायत पर एसएसपी सुशील कुमार ने ग्रामीण एसपी को जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया है


