गेम से ब्रेनवॉश, क्रिप्टो से फंडिंग… आगरा में पकड़ा गया धर्मांतरण सिंडिकेट, पाक से निकला कनेक्शन!

गेम से ब्रेनवॉश, क्रिप्टो से फंडिंग… आगरा में पकड़ा गया धर्मांतरण सिंडिकेट, पाक से निकला कनेक्शन

आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का खुलासा किया है, जिसका नाम ‘मिशन अस्मिता’ रखा गया है. इस मिशन के तहत पुलिस ने अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके तार पाकिस्तान और कश्मीर से जुड़े हुए हैं. पुलिस के अनुसार, यह गिरोह 14 से 15 साल के लड़के-लड़कियों को निशाना बनाता था. गिरफ्तार किए गए लोगों में आयशा और अब्दुल रहमान प्रमुख हैं.

पुलिस ने बताया कि इन दोनों का सभी लड़कियों से संबंध था और ये पाकिस्तान में अपने साथियों के संपर्क में थे. इस गिरोह का तरीका काफी शातिर था. ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से युवाओं से संपर्क साधा जाता था. इसके बाद, उन्हें ‘बौद्धिक विमर्श’ के बहाने आकर्षित किया जाता था. खासकर उन लोगों को जो किसी कारण से दुखी या परेशान थे. बाद में उनको इस्लाम स्वीकार करने के लिए उकसाया जाता था. धर्म परिवर्तन के बाद, उन लोगों को ‘रिवर्टी’ कहा जाता था और उन्हें इस्लामिक जमात में भेज दिया जाता था, जहां उन्हें इस्लाम के बारे में और जानकारी दी जाती थी.

गिरोह के तार पाकिस्तान और कश्मीर से जुड़े

जांच में यह भी पता चला है कि इस गिरोह के तार पाकिस्तान और कश्मीर से जुड़े हैं. गिरोह के मास्टरमाइंड पाकिस्तान के तनवीर अहमद और साहिल अदीब हैं, जो सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर हैं और वहीं से इस पूरे गिरोह को संचालित करते थे. अब्दुल रहमान क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से फिलिस्तीन में पैसे भी भेजता था. गिरोह के तीन सदस्य डार्क वेब का इस्तेमाल करते थे.

कश्मीरी लड़कियों का सक्रिय समूह रैकेट में था शामिल

कश्मीरी लड़कियों का एक सक्रिय समूह भी इस रैकेट में शामिल था, जो युवाओं को कश्मीर बुलाने के लिए यात्रा, रहने और खाने का खर्च उठाता था. पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि यह मामला केवल धर्मांतरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय और आंतरिक सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चुनौती है. जांच अभी जारी है और पुलिस इस रैकेट से जुड़े और भी लोगों की तलाश कर रही है.

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