पेट की किस बीमारी से वजन बढ़ता है? जानिए कारण और बचाव के तरीके

अगर बार-बार पेट से जुड़ी परेशानी हो रही है और वजन लगातार बढ़ रहा है, तो सिर्फ डाइटिंग या एक्सरसाइज ही काफी नहीं है. पेट की ऐसी बीमारियां होती है जिनके कारण वजन बढ़ता है. जाने ये बीमारियां कौनसी है और इनका बचाव क्या है?

पेट की किस बीमारी से वजन बढ़ता है? जानिए कारण और बचाव के तरीके

Weight Gain Due to Digestive Problems: अक्सर लोग मानते हैं कि पेट की बीमारियों का सीधा असर वजन कम होने पर पड़ता है, लेकिन सच्चाई यह है कि कुछ पेट से जुड़ी समस्याएं ऐसी भी होती हैं, जिनकी वजह से वजन धीरे-धीरे बढ़ने लगता है. ये समस्याएं मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देती हैं, पाचन क्रिया को बिगाड़ती हैं और शरीर में फैट स्टोर करने की प्रक्रिया को तेज कर देती हैं. अगर वजन बिना किसी वजह के बढ़ रहा है और उसके साथ पेट से जुड़ी परेशानी भी हो रही है, तो हो सकता है इसकी जड़ किसी आंतरिक बीमारी में छिपी हो.

सबसे पहले बात करें इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम यानी IBS की. ये बीमारी पेट में सूजन, गैस, कब्ज या डायरिया जैसे लक्षणों के साथ आती है. IBS का संबंध मानसिक तनाव और आंतों की संवेदनशीलता से होता है. इस बीमारी में जब कब्ज का रूप हावी होता है, तो व्यक्ति को पेट भारी लगने लगता है और शरीर में पानी रुकने की समस्या (वॉटर रिटेंशन) शुरू हो जाती है. इससे मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ता है और वजन बढ़ सकता है.

दिल्ली एम्स में गैस्ट्रोलॉजी विभाग के पूर्व डॉ अनन्य गुप्ता बताते हैं कि पेट की एक बीमारी अब काफी आम हो गई है. इसमें आंतों में मौजूद अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का असंतुलन. हमारी आंतों में करोड़ों बैक्टीरिया रहते हैं, जो पाचन क्रिया को सुचारु रूप से चलाने में मदद करते हैं. लेकिन जब इस संतुलन में गड़बड़ी आती है जैसे कि एंटीबायोटिक के ज्यादा इस्तेमाल या जंक फूड की वजह से तो इससे शरीर में सूजन बढ़ने लगती है. इस स्थिति में मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ता है और वजन धीरे-धीरे बढ़ने लगता है.

कब्ज के कारण बढ़ता वजन

कब्ज भी एक ऐसी समस्या है जो वजन बढ़ाने का कारण बन सकती है. जब मल शरीर में लंबे समय तक रुका रहता है, तो टॉक्सिन बाहर नहीं निकल पाते और शरीर उन्हें जमा करने लगता है. इससे न सिर्फ पेट फूला हुआ महसूस होता है, बल्कि वजन भी बढ़ने लगता है. लंबे समय तक कब्ज रहने से व्यक्ति की ऊर्जा कम होती है और फिजिकल एक्टिविटी भी घट जाती है, जिससे वजन नियंत्रित करना और मुश्किल हो जाता है.

पाचन एंजाइम्स की कमी

इसके अलावा कुछ लोगों में पाचन एंजाइम्स की कमी पाई जाती है. जब शरीर खाना तो खा रहा होता है लेकिन उसे ठीक से पचा नहीं पा रहा होता, तब पोषक तत्वों की कमी के साथ-साथ वजन भी बढ़ने लगता है. पैंक्रियास की खराबी, गैस्ट्राइटिस या अन्य आंतरिक समस्याएं एंजाइम प्रॉडक्शन को प्रभावित कर सकती हैं.

गट सिंड्रोम से बढ़ता वजन

आजकल एक नई और तेजी से उभरती समस्या है लीकी गट सिंड्रोम. इसमें आंतों की दीवार कमजोर हो जाती है और वहां से हानिकारक कण खून में पहुंचने लगते हैं. इससे शरीर में क्रॉनिक सूजन रहती है और यह सूजन मेटाबॉलिज्म को कमजोर करके शरीर में चर्बी जमा करना शुरू कर देती है. इस स्थिति में पेट भारी महसूस होता है और वजन बढ़ने लगता है, भले ही डाइट सामान्य ही हो.

किन बातों का रखें ख्याल

इन सभी समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि अपने पाचन तंत्र का ख्याल रखा जाए. संतुलित आहार, प्रोबायोटिक फूड, फाइबर युक्त चीज़ें और पर्याप्त पानी का सेवन इसके लिए बेहद जरूरी हैं. अगर बार-बार पेट से जुड़ी परेशानी हो रही है और वजन लगातार बढ़ रहा है, तो सिर्फ डाइटिंग या एक्सरसाइज ही काफी नहीं है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर से मिलकर जांच कराना और इलाज शुरू करना सबसे सही कदम होगा. पेट की सेहत अच्छी रहेगी, तभी वजन संतुलित रहेगा और शरीर फिट महसूस करेगा.

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