प्रधानमंत्री संसद से ऊपर नहीं, मणिक्कम टैगोर का रिजिजू पर पलटवार… मानसून सत्र में हंगामे की स्क्रिप्ट तैयार

‘राहुल गांधी जिस तरह से पाकिस्तान की भाषा बोलकर विदेश नीति पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं, उससे देश को नुकसान होता है…’ संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू के इस बयान पर लोकसभा में कांग्रेस के चीफ व्हिप मणिक्कम टैगोर ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री संसद से ऊपर नहीं. विपक्ष चाहता है कि संसद चले. प्रधानमंत्री बोलें और सदन को जवाब दें.

लोकसभा में कांग्रेस के चीफ व्हिप मणिक्कम टैगोर ने संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू पर पलटवार किया है. टैगोर ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू का विपक्ष के नेता पर हमला न सिर्फ अस्वीकार्य है, बल्कि यह दर्शाता है कि मोदी सरकार कितनी घबराई हुई है. रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी जिस तरह से पाकिस्तान की भाषा बोलकर विदेश नीति पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं, उससे देश को नुकसान होता है. हम उन्हें सलाह देंगे कि विपक्ष के नेता होने के नाते उन्हें देश के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहिए.

संसद में पीएम मोदी के जवाब पर अड़ने की तैयारी यानी मानसून सत्र की शुरुआत में सत्ता और विपक्ष का आमना सामना तय है. हंगामे की स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी है. मणिक्कम टैगोर रिजिजू पर पलटवार करते हुए आगे कहा कि राहुल गांधी उस परिवार से आते हैं, जिसने पाकिस्तान का विभाजन करके बांग्लादेश का निर्माण किया, जो भारत की विदेश नीति के इतिहास में बेजोड़ रणनीतिक सफलता का एक क्षण है.

प्रधानमंत्री संसद से ऊपर नहीं हैं- टौगोर

टैगोर ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि राहुल कठिन सवाल पूछते हैं, जिनका जवाब देने से प्रधानमंत्री डरते हैं, उन्हें बदनाम करने की हिम्मत मत कीजिए. आप समन्वय की बात करते हैं, मंत्री महोदय, लेकिन आपके शब्दों में अहंकार और असहिष्णुता झलकती है. प्रधानमंत्री संसद से ऊपर नहीं हैं. वे एक गठबंधन सरकार में एक अल्पसंख्यक दल का नेतृत्व करते हैं, जिसे भारत की जनता ने कमजोर कर दिया है.

‘विपक्ष चाहता है कि संसद चले, प्रधानमंत्री बोलें’

उन्हें विपक्ष के नेता को जवाब देना चाहिए. विपक्ष चाहता है कि संसद चले. हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री बोलें और सदन को जवाब दें, न कि पीछे छिपें. जवाबदेही की मांग को “राष्ट्र-विरोधी” बयानबाजी में मत बदलिए. यह लोकतंत्र है – तानाशाही नहीं. अगर मोदी जी संसद का सामना नहीं कर सकते, अगर वे निर्वाचित सांसदों से बात नहीं कर सकते, तो उन्हें खुद से पूछना चाहिए कि असल में भारत के लोकतंत्र को कौन नुकसान पहुंचा रहा है? संसद जनता की है, किसी एक पार्टी की नहीं.

रिजिजू ने क्या कहा था?

रिजिजू ने कहा था कि राहुल गांधी जिस तरह से पाकिस्तान की भाषा बोलकर विदेश नीति पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं, उससे देश को नुकसान होता है. हम उन्हें सुझाव देंगे कि विपक्ष के नेता होने के नाते उन्हें देश विरोधी कोई भी बात नहीं कहनी चाहिए.

‘हंगामा करने से कुछ हासिल नहीं होगा’

उन्होंने आगे कहा कि संसद शुरू होने वाली है. संसद में जो भी मुद्दा आएगा, हम उसे सुनेंगे. कल खड़गे जी और राहुल जी के साथ मेरी बहुत अच्छी बैठक हुई. मैं अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ नियमित बैठकें करता रहता हूं. एक संसदीय मंत्री होने के नाते, सभी के साथ समन्वय बनाए रखना मेरी जिम्मेदारी है. लेकिन जो भी मुद्दा हो, हम उसे बातचीत से ही सुलझा सकते हैं. हंगामा करने से कुछ हासिल नहीं होगा. अब आप विदेश नीति के लिए प्रधानमंत्री को दोषी ठहराते हैं, देश को एकजुट करने के बजाय, आप देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलते हैं. इससे देश को क्या हासिल होता है?

‘विपक्ष का मतलब देश को गाली देना नहीं’

संसदीय कार्य मंत्री रजिजू ने आगे कहा कि विपक्ष का मतलब देश को गाली देना नहीं है. देश के अच्छे काम करने में विपक्ष की भी भूमिका होती है. जब विदेश नीति की बात आती है, तो हमें विभाजित नहीं होना चाहिए. कांग्रेस सरकार के दौरान हमने प्रधानमंत्री पर अलग से हमला नहीं किया था. विदेश नीति. राहुल गांधी जिस तरह से पाकिस्तान की भाषा बोलकर विदेश नीति पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं, उससे देश को नुकसान होता है. हम उन्हें सुझाव देंगे कि विपक्ष के नेता होने के नाते उन्हें देश विरोधी कोई भी बात नहीं कहनी चाहिए.

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