यूं ही नहीं तिलमिलाए डोनाल्ड ट्रंप, डॉलर का हुआ 45 साल में सबसे बुरा हश्र.

अगर बात बुधवार की ही करें तो डॉलर के मुकाबले में रुपए में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला. सुबह के समय में रुपए में 20 पैसे से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही थी. लेकिन कारोबारी सत्र के अंत तक रुपए में ना सिर्फ रुपए ने अपनी गिरावट को रिकवर किया, बल्कि बढ़त के साथ बंद हुआ.

यूं ही नहीं तिलमिलाए डोनाल्ड ट्रंप, डॉलर का हुआ 45 साल में सबसे बुरा हश्र

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर यूं ही नहीं तिलमिलाए हुए हैं. मौजूदा साल के पहले हाफ में डॉलर इंडेक्स 45 साल ही सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है. साल 2025 के पहले 6 महीनों में डॉलर इंडेक्स में करीब 11 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. जानकारों की मानें तो 1980 के बाद किसी छमाही में डॉलर इंडेक्स का इतना बुरा हश्र देखने को मिला है. वहीं दूसरी ओर रुपए में भी इस दौरान गिरावट देखने को मिली है, लेकिन इतनी बड़ी नहीं जितनी बड़ी डॉलर में देखने को मिली है.

अगर बात बुधवार की ही करें तो डॉलर के मुकाबले में रुपए में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला. सुबह के समय में रुपए में 20 पैसे से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही थी. लेकिन कारोबारी सत्र के अंत तक रुपए में ना सिर्फ रुपए ने अपनी गिरावट को रिकवर किया, बल्कि बढ़त के साथ बंद हुआ. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर डॉलर और रुपपए की चाल किस तरह की देखने को मिल रही है.

रुपए में 6 पैसे की बढ़त

करेंसी मार्केट में रुपया बुधवार को छह पैसे की बढ़त के साथ 85.67 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते को लेकर आशावाद एवं जवाबी शुल्क को कुछ और समय के लिए टालने के फैसले से घरेलू मुद्रा को बल मिला. हालांकि, विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर में मजबूती और कच्चे तेल के 70 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बने रहने से रुपये का लाभ सीमित रहा. इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.84 पर खुला. दिन में 85.93 से 85.65 प्रति डॉलर के दायरे में कारोबार करने के बाद अंत में यह 85.67 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से छह पैसे की बढ़त है. रुपया मंगलवार को 21 पैसे की बढ़त के साथ 85.73 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

गिरने के बाद कैसे संभला रुपया

एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष अनुसंधान विश्लेषक (कमोडिटी एंड करेंसी) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया 85.90 के आसपास कमजोर खुला, लेकिन शुरुआती गिरावट के बाद थोड़ा संभला. व्यापार समझौते पर जारी बातचीत एवं शुल्क को और कुछ समय के टालने से थोड़ी राहत मिली. इससे रुपये को स्थिरता मिली तथा 86.00 के स्तर के आसपास और गिरावट को रोकने में मदद मिली. रुपए के 85.30 से 86.20 के दायरे में कारोबार करने के आसार हैं.

डॉलर में 45 साल की सबसे बड़ी तबाही

वहीं दूसरी ओर डॉलर इंडेक्स बुधवार को फ्लैट कारोबार करते हुए 97 के लेवल पर दिखाई दिया हो, लेकिन साल के पहले हाफ में इसमें बीते 45 बरस की सबसे बड़ी तबाही देखने को मिली है. आंकड़ों को देखें तो साल के पहले हाफ में डॉलर में करीब 11 फीसदी की गिरावट देखी गई है, जो कि 1980 के बाद सबसे बड़ी 6 महीने की गिरावट है. जानकारों का मानना है कि जिस तरह से ट्रंप पॉलिसीज पर काम हो रहा है, उसकी वजह से डॉलर इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली है. आने वाले दिनों में इसमें और गिरावट देखी जा सकती है. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स बुधवार को 0.03 प्रतिशत की बढ़त के साथ 97.02 पर पहुंच गया.

मौजूदा साल में रुपए में आई कितनी गिरावट?

वहीं दूसरी ओर डॉलर के मुकाबले में रुपया साल के पहले हाफ में करीब करीब फ्लैट ही रहा है. 31 दिसंबर को करेंसी मार्केट बंद होने के बाद डॉलर के मुकाबले में रुपया 85.55 के लेवल पर देखने को मिला था. जबकि 30 जून को 85.700 के लेवल पर देखने को मिला. इसका मतलब है कि रुपए में बेहद मामूली गिरावट देखने को मिली है. जोकि डॉलर इंडेक्स के गिरावट के मुकाबले में काफी बेहतर है. करेंसी मार्केट के एक्सपर्ट अनुज गुप्ता ने बताया कि मौजूदा साल के दूसरे हाफ में भी रुपए फ्लैट रह सकता है. अगर बात रेंज की करें तो साल के अंत तक 85 से 87 के बीच देखने को मिल सकता है.

शेयर बाजार में आई गिरावट

स्थानीय शेयर बाजार बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 176.43 अंक की गिरावट के साथ 83,536.08 अंक पर जबकि निफ्टी 46.40 अंक के नुकसान के साथ 25,476.10 अंक पर बंद हुआ. अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.33 प्रतिशत की बढ़त के साथ 70.38 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 26.12 करोड़ रुपए के शेयर बेचे.

Leave a Reply