
अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर एक बार फिर विवाद का माहौल है, जहां पाकिस्तान की सेना और अफगानिस्तान के तालिबान के बीच एक अजीब किस्म की ‘लाशों की डील’ सामने आई है. टोलो न्यूज के सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी सैनिकों ने हेलमंद प्रांत के बहरामचा क्षेत्र में सात अफगानी नागरिकों को मार डाला. सूत्रों ने बताया कि इन मृतकों के शव पाकिस्तानी बलों के कब्जे में हैं, और अब वे इन शवों को दो अपने सैनिकों के बदले में लौटाने की डील कर रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी फौज चाहती है कि अफगानिस्तान तालिबान लड़ाकों के शव ले जाए, लेकिन उसके बदले पाकिस्तानी सेना के जवानों के शव सौंप दे. हालांकि, इसके बारे में अभी तक अफगानिस्तान सरकार से बातचीत नहीं हुई है, लेकिन बॉर्डर पर इसकी चर्चा खूब है. हेलमंद प्रांत के अधिकारियों के अनुसार, डुरंड लाइन के पार जो कुछ भी हो रहा है, उस पर उन्हें कोई सटीक जानकारी नहीं है. इसका मतलब यह है कि अफगान अधिकारियों को भी इस विवाद की पूरी स्थिति का पता नहीं है. लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि पाकिस्तानी फौज ऐसी कोशिशें कर ही है.
पाकिस्तान अफगानिस्तान के लोगों को खदेड़ रहा
इस बीच पाकिस्तान अफगानिस्तान के लोगों को खदेड़ रहा है. उन लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है, जो कई सालों से वहां रह रहे हैं. खबर तो यहां तक है कि अफगानिस्तान की आड़ में पाकिस्तान के कुछ कबायली लोगों को भी निशाना बनाया जा रहा है. इन्हें पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर और पाकिस्तानी फौज का दुश्मन कहा जा रहा है. उधर, बॉर्डर पर तनाव पसरा हुआ है. दोनों ओर से सेनाएं तैनात हैं. गोलीबारी थमी हुई है, लेकिन हालात इतने नाजुक हैं कि कभी भी फायरिंग हो सकती है.
बढ़ सकती है नफरत
पाकिस्तानी सेना की सीमा पर कार्रवाई ने स्थानीय अफगानी आबादी में डर और असुरक्षा की स्थिति पैदा कर दी है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस तरह की घटनाओं को समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह छोटे संघर्षों को बड़े सैन्य टकराव में बदल सकती हैं. इसके अलावा, मृतकों की अदला-बदली की यह अजीब प्रथा स्थानीय समुदायों में नफरत और असहमति को और बढ़ा सकती है.





