ट्रेन में जम्हाई लेते ही अटक गया यात्री का जबड़ा; रेलवे डॉक्टर ने यूं बचाई जान, देखें वीडियो!


केरल के पलक्कड़ जंक्शन में कन्याकुमारी-डिब्रूगढ़ विवेक एक्सप्रेस के यात्री का जबड़ा जंभाई लेने पर खिसक गया. रेलवे डॉक्टर डॉ. जितिन पी.एस. ने तीन मिनट में मैनुअल रिडक्शन तकनीक से जबड़ा सही किया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और डॉक्टर की कुशलता की जमकर तारीफ हुई.

रेल यात्रियों के लिए ट्रेन सफर अक्सर आराम और रोमांच दोनों लेकर आता है, लेकिन कभी-कभी ये अनुभव खतरनाक भी हो सकता है. केरल के पलक्कड़ जंक्शन से ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला सामने आया. कन्याकुमारी-डिब्रूगढ़ विवेक एक्सप्रेस में 24 वर्षीय यात्री ने जंभाई लेते ही अपना जबड़ा जगह से खिसकवा लिया. दर्द से तड़पते यात्री की जान रेलवे डॉक्टर डॉ. जितिन पी.एस. ने सिर्फ तीन मिनट में बचा दी. यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और डॉक्टर की कुशलता की सभी ने तारीफ की.

जबड़े की समस्या और हादसे का कारण
रात करीब 2:30 बजे ट्रेन पलक्कड़ जंक्शन पर रुक रही थी, तभी 24 वर्षीय यात्री ने आराम करते हुए जंभाई ली. इसी दौरान उसका जबड़ा अचानक अपनी जगह से खिसक गया. यात्री दर्द से तड़पता रहा और चिल्लाने लगा. आसपास बैठे लोग घबरा गए, क्योंकि इस स्थिति में तुरंत मदद न मिलने पर गंभीर समस्या हो सकती थी. रेलवे डॉक्टर डॉ. जितिन पी.एस., जो उस समय ड्यूटी पर थे, तुरंत मौके पर पहुंचे और स्थिति का आकलन किया. उनकी तत्परता ने यात्री की जिंदगी को खतरे से बाहर निकाला.

डॉक्टर ने दिखाया कमाल

डॉ. जितिन पी.एस. ने ‘मैनुअल रिडक्शन’ तकनीक का इस्तेमाल किया. इसमें किसी उपकरण की जरूरत नहीं होती और डॉक्टर हाथों से हल्का दबाव डालकर जबड़े को सही स्थिति में लाते हैं. तीन मिनट के अंदर डॉक्टर ने यात्री का जबड़ा सही जगह पर बैठा दिया. इलाज के बाद यात्री ने मुस्कुराते हुए डॉक्टर का हाथ मिलाया और राहत महसूस की. विशेष बात यह थी कि घटना के बावजूद यात्री अपनी यात्रा दोबारा जारी करने में सक्षम था.

वीडियो वायरल और सोशल मीडिया पर तारीफ

साउदर्न रेलवे ने इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया, जो अब तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि डॉक्टर कितनी शांति और कुशलता से इलाज कर रहे हैं. यूजर्स ने डॉक्टर की तारीफ करते हुए लिखा, ‘डॉक्टर को सलाम, कितनी सहजता से इलाज किया.’ कई लोगों ने सुझाव दिया कि लंबी दूरी की ट्रेनों में हमेशा एक डॉक्टर होना चाहिए. इस घटना ने रेलवे की त्वरित और पेशेवर मेडिकल सर्विस को उजागर किया.

 

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