चेक बाउंस पर RBI का बड़ा फैसला,` 24 घंटे में अलर्ट, दो साल की सजा और पॉज़िटिव पे सिस्टम अनिवार्य

RBI's big decision on check bounce, alert in 24 hours, two years' punishment and positive pay system mandatory

डिजिटल भुगतान के दौर में भी चेक का महत्व बरकरार है। मकान किराया, बिजनेस ट्रांजैक्शन और लोन भुगतान जैसे बड़े लेन-देन में आज भी चेक को सबसे भरोसेमंद माध्यम माना जाता है। लेकिन चेक बाउंस की समस्या लंबे समय से ग्राहकों के लिए आर्थिक और मानसिक तनाव का कारण बनी हुई है। अब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए कई अहम बदलाव किए हैं।

24 घंटे में मिलेगा अलर्ट

RBI के नए निर्देशों के अनुसार, यदि कोई चेक बाउंस होता है, तो संबंधित बैंक को 24 घंटे के भीतर ग्राहक को SMS या ईमेल के माध्यम से सूचित करना अनिवार्य होगा। इससे ग्राहक समय रहते आवश्यक कदम उठा सकेगा और संभावित नुकसान से बचा जा सकेगा।

जानबूझकर चेक बाउंस करने पर सख्त कार्रवाई

RBI ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर गलत या फर्जी चेक जारी करता है, तो उस पर अब पहले से अधिक सख्त कार्रवाई की जाएगी। पहले इस अपराध के लिए अधिकतम सजा 1 साल थी, जिसे अब बढ़ाकर 2 साल कर दिया गया है। साथ ही, भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा।

बार-बार गलती करने वालों की चेकबुक होगी जब्त

जो ग्राहक बार-बार चेक बाउंस कराते हैं, उनकी चेकबुक सुविधा बैंक द्वारा बंद की जा सकती है। ऐसे खाताधारकों को केवल डिजिटल या ऑनलाइन माध्यम से ही भुगतान करने की अनुमति होगी। यह कदम ईमानदार ग्राहकों की सुरक्षा और बैंकिंग प्रणाली की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

₹5 लाख से अधिक के चेक पर पॉज़िटिव पे सिस्टम अनिवार्य

अब ₹5 लाख से अधिक राशि वाले चेक के लिए पॉज़िटिव पे सिस्टम लागू कर दिया गया है। इस प्रणाली के तहत चेक जारी करने से पहले ग्राहक को तारीख, रकम और लाभार्थी का नाम बैंक को साझा करना होगा। इससे चेक में छेड़छाड़ और धोखाधड़ी की संभावना काफी हद तक कम हो जाएगी।

ऑनलाइन शिकायत प्रणाली

चेक बाउंस से जुड़ी शिकायतें अब RBI के ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज की जा सकती हैं। नियामक संस्था का लक्ष्य है कि ऐसे मामलों का समाधान छह महीने के भीतर किया जाए, जिससे दोनों पक्षों को न्याय और राहत मिल सके।

बैंक की गलती पर ग्राहक को राहत

यदि चेक बैंक की गलती या तकनीकी कारणों से बाउंस होता है, और खाते में पर्याप्त राशि मौजूद है, तो ग्राहक से कोई पेनल्टी नहीं ली जाएगी। यह प्रावधान उन ग्राहकों के लिए राहत लेकर आया है जो समय पर भुगतान करना चाहते हैं लेकिन बैंकिंग त्रुटियों के कारण परेशान होते हैं।

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