Tax Savings Tips: टैक्स बचाने के लिए समय रहते करले इन 7 स्कीम मे इन्वेस्टमेंट!

Gazab Viral : अगर आप भी साल के अंत में टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्टमेंट की योजना बना रहे हैं, तो हम आपके लिए 7 बेहतरीन विकल्प लेकर आए हैं। इनमें ELSS, PPF, NPS, ULIP, SCSS, टैक्स सेवर FD और बेटी बचाओ योजना जैसे विकल्प शामिल हैं। ये न केवल आपको टैक्स में छूट प्रदान करते हैं, बल्कि बेहतर रिटर्न भी सुनिश्चित करते हैं।

1. इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS)

ELSS फंड्स में निवेश से आप आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट पा सकते हैं। इनका लॉक-इन पीरियड सिर्फ तीन साल है। ये विकल्प छोटे निवेशकों के लिए भी सही है, क्योंकि इसमें आप ₹500 की न्यूनतम राशि से शुरुआत कर सकते हैं।

2. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)

NPS न केवल टैक्स बचाने का विकल्प है, बल्कि यह रिटायरमेंट की प्लानिंग के लिए भी सही है। इसमें धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख की छूट और 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त ₹50,000 की छूट मिलती है। 60 साल की उम्र के बाद, आप राशि का एक हिस्सा निकाल सकते हैं और शेष को पेंशन के रूप में पा सकते हैं।

3. यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)

ULIP इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट का कॉम्बिनेशन है। इसमें 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। ULIP के तहत निवेश, रिटर्न और निकासी सभी टैक्स फ्री होती हैं। इसमें निवेश करने से धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है।

4. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS)

सीनियर सिटीजन के लिए SCSS एक आकर्षक विकल्प है। इसमें निवेश पर सालाना 8.2% का ब्याज मिलता है। इस योजना में अधिकतम ₹30 लाख तक का निवेश किया जा सकता है। इसके तहत भी धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है।

5. टैक्स सेवर बैंक FD

टैक्स सेवर FD में 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इसमें किए गए निवेश पर भी धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है। हालांकि, लॉक-इन पीरियड के दौरान इसमें से पैसे नहीं निकाले जा सकते।

6. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

PPF लंबे समय के लिए टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट का विकल्प है। इसमें निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट सभी टैक्स फ्री होते हैं। यह धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट प्रदान करता है।

7. बेटी बचाओ योजना (SSY)

यह योजना 10 साल से कम उम्र की बच्ची के भविष्य के लिए बनाई गई है। इसमें धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है। साथ ही, इसमें मिलने वाला रिटर्न और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स फ्री होता है।

इन विकल्पों को चुनते समय अपने वित्तीय लक्ष्यों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखें। समय पर सही निर्णय लेकर आप न केवल टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि अपनी वित्तीय स्थिति को भी मजबूत कर सकते हैं।

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