
कुर्नूल। आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में चिन्नाटेकुर के पास एक प्राइवेट बस में आग लग गई। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक हादसे में 20 यात्री जिंदा जल गए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह आंकड़ा 25 है। घटना शुक्रवार सुबह लगभग 3:30 बजे हुई। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
बस हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही थी। NH-44 पर बाइक में टक्कर हुई। बाइक बस के नीचे घुस गई और फ्यूल टैंक से टकरा गई। इससे बस में तुरंत आग लग गई। हादसे में बाइक सवार शिवशंकर की भी मौत हो गई।
बस में लगभग 40 यात्री सवार थे। इनमें से कई जल गए। 19 ने कूदकर जान बचाई। इमरजेंसी गेट तोड़कर निकले लोग बुरी तरह झुलस गए थे, इन्हें कुर्नूल सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। पुलिस का कहना है कई शव पूरी तरह जल चुके हैं, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है।
आग लगी, शॉर्ट सर्किट हुआ और दरवाजा नहीं खुला
कुर्नूल रेंज के DIG कोया प्रवीण ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि बस में सवार 2 बच्चों समेत 21 यात्री बाल-बाल बच गए। ड्राइवर-क्लीनर की कोई जानकारी नहीं मिली है। ज्यादातर लोग 25 से 35 साल के थे। हादसे के वक्त यात्री सो रहे थे, जिससे उन्हें बचने का मौका नहीं मिला। आग लगने के बाद बस में शॉर्ट सर्किट हुआ। इससे बस का दरवाजा भी जाम हो गया।
कलेक्टर ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर्स
हादसे के बाद कुर्नूल जिला कलेक्टर डॉ. ए सिरी घटनास्थल पर पहुंचीं, उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। इनमें कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम 08518-277305, सरकारी अस्पताल कुर्नूल 9121101059, स्पॉट कंट्रोल रूम 9121101061, कुर्नूल पुलिस कंट्रोल रूम 9121101075, जीजीएच हेल्प डेस्क के 9494609814, 9052951010 नंबरों पर जानकारी ले सकते हैं।
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा- कुर्नूल का हादसा दुखद है। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवार के साथ है।
पीएमओ ने मृतकों के परिवार के लिए ₹2 लाख और घायलों को ₹50 हजार दिए जाने का ऐलान किया है।
10 दिन पहले राजस्थान में जिंदा जल गए थे 22 यात्री
ऐसा ही एक हादसा राजस्थान के जैसलमेर में जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर 14 अक्टूबर की दोपहर 3.30 बजे हुआ था, जब चलती एसी स्लीपर बस में आग लग गई थी। इस हादसे में भी 22 यात्रियों की जिंदा जलने से मौत हो गई थी।
आग लगने से बस का गेट लॉक हो गया था, ऐसे में लोगों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। लोग कांच तोड़कर कूदे और जान बचा लेने की गुहार लगाते रहे। आर्मी ने JCB लगाकर बस का गेट तोड़ा और लोगों का रेस्क्यू किया था।
जैसलमेर रूट पर जो बस हादसे का शिकार हुई, उसके अंदर फाइबर की बॉडी और परदे लगे थे। ऐसे में आग जल्दी-जल्दी बढ़ती रही। बस की खिड़कियां कांच की थी। जैसे ही बस की वायरिंग ने आग पकड़ी, इसका दरवाजा लॉक हो गया। अचानक फैली आग से लोगों को बचने का मौका नहीं मिला। ड्राइवर और कंडक्टर सबसे पहले दरवाजा तोड़कर बाहर निकले थे।





