
Gold Silver Prices Crash: वही सोना जो अब तक छप्परफाड़ तेजी के साथ रिकॉर्ड बना रहा था. वही सोना जिसने अपनी चढ़ती कीमत से लोगो के पसीने ला लिए. वही सोना, जिसे हमेशा से ही सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है, अभी वही सोना भारी उथल-पुथल के दौर से गुज़र रहा है. रिकॉर्ड तोड़ ऊंचाइयों को छूने के बाद अब उसी सोने में भीषण गिरावट आ ररही है. सोने की कीमत में गिरावट ने पिछले 12 सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. सिर्फ सोना ही नहीं चांदी की कीमतें भी रिवर्स ऑर्डर में वापस घूमने लगी है. एक दिन में चांदी की कीमत में 10 हजार रुपये से अधिक की गिरावट आ चुकी है.
सोना हुआ क्रैश
दिवाली के पहले रॉकेट बना सोना 1.30 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम क पहुंच गया है, लेकिन अब सोने के बुरे दिन की शुरुआत हो गई है. चरम पर पहुंच चुके सोने की कीमत में करेक्शन का दौर शुरू हो गया है. दिवाली बीतते ही सोने की कीमत में भारी गिरावट आ गई है. सोना अपने ऑल टाइम हाई से 6964 रुपए और चांदी भी रिकॉर्ड हाई से 25599 रुपए सस्ती हो गई है. 17 अक्तूबर तक जो सोना 1.30 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का बिक रहा था, अब वो गिरकर 1.23 लाखर रुपये का हो गया है.
चांदी की कीमत में भयानक गिरावट
सोने से ज्यादा चमक रही चांदी में भयानक गिरावट देखने तो मिली है. चांदी की कीमत बीते हफ्तेभर में 26 हजार से अधिक गिर गई. सिर्फ मंगलवार को 24 घंटे के भीतर चांदी 10546 रुपये लुढ़क गया. एमसीएक्स पर चांदी की कीमतें 1,70,415 रुपये से गिरकर 1,43,819 रुपये पर पहुंच गया. यानी चांदी ऑल टाइम हाई से 26596 रुपये तक गिर गया है.
क्यों बिगड़ा सोने-चांदी का बैलेंस
सोने-चांदी की कीमत में आई बड़ी गिरावट के पीछे सबसे बड़ी वजह मुनाफावसूली है. इस साल सोने की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी आई.कीमत में आई इस रिकॉर्ड तेजी के बाद बबल फूटने का जो डर सता रहा था, उसके डर से निवेशकों ने अपना मुनाफा समेटना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से सोने की कीमत क्रैश हो गई. ‘प्रॉफिट-टेकिंग’ की एक लहर ने सोने की कीमत में गिरावट की रफ्तार को सुनामी में बदल दिया और सोना धड़ाम हो गया.
सोने में गिरावट की वजह
इसके अलावा सोना-चांदी की डिमांड में कमी आने से कीमत में गिरावट देखने को मिल रही है. वहीं अमेरिका-चीन ट्रेड टेंशन में आई नरमी के चलते सोने की कीमत में गिरावट देखने को मिली है. तनाव में कमी आने से ट्रेड वॉर की चिंता कम हो गई है. ऐसे में लोग सेफ हेवन सोने के बजाए शेयर में निवेश कर रहे हैं.
और कितना सस्ता होगा सोना
कमोडिटी जानकारों की माने तो ये गिरावट शॉर्ट टर्म के लिए है. शार्ट टर्म में सोने में कंसॉलिडेशन रह सकता है,लेकिन लॉन्ग टर्म ट्रेंड अब भी मजबूत है. जिस तरह से दुनियाभर के सेंट्रल बैंक की ओर से सोने की खरीदारी की जा रही है उससे लॉग टर्म में सोना अच्छा रिटर्न देगा. इस गिरावट को लेकर निवेशको को सर्तक रहने की सलाह दी जा रही है.
क्या फूटने वाला है सोने का बुलबुला, 40% तक गिरकर सस्ता
सोने की कीमत में बड़ी गिरावट को लेकर कई संभावनाएं जाहिर की गई है. दिग्गज इन्वेस्टमेंट फर्म जेपी मॉर्गन के सीईओ जेमी डिमन ने सोने की मौजूदा कीमत को आर्थिक बुलबुला करार दिया और कहा कि ये बबल कभी भी फूट सकता है. उन्होंने कहा कि बाजार में सकारात्मक सेंटीमेंट बना है, जो सोने को ऊंचाईयों पर ले जा रहा है, लेकिन ये तेजी टिकाऊ नहीं है. उन्होंने अनुमान लगाया है कि सोने की मौजूदा कीमत में 40 फीसदी तक का करेक्शन हो सकता है. सोने की कीमत 40 फीसदी तक गिर सकती है. ICICI प्रूडेंशियल जैसे निवेश विशेषज्ञ ने भी सोने की कीमत में बड़ी गिरावट की संभावना जताई है. इतना ही नहीं Citi Research ने गोल्ड प्राइस में बड़े करेक्शन की संभावना जताई है. अपनी रिपोर्ट में सिटी ने कहा है कि नई ऊंचाई पर पहुंचने के बाद गोल्ड की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी.
सोने की कीमत में क्रैश की भविष्यवाणी
सिटी रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक निवेश के लिहाज से सोने को लेकर आकर्षण कम हो सकता है. ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ के लिए भी संभावनाएं बेहतर होंगी, फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट में कमी करने का असर दिखेगा, जिसकी वजह से सोने की कीमत में गिरावट आ सकती है. जानकारों की माने तो शार्ट टर्म में सोने की कीमत में करेक्शन देखने को मिल सकता है. कमोडिटी एक्सपर्ट्स की माने को गोल्ड में काफी ज्यादा खरीदारी हुई है, अब कमजोर डिमांड से शॉर्ट टर्म में गोल्ड में गिरावट आ सकती है. वहीं दुनिया में अलग-अलग देशों के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं, जिसका असर भी सोने की कीमत पर पड़ेगा. कीमत बढ़ने से निवेश की डिमांड में कमी आ रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेंशन कम होने से सोने की मांग कमी आएगी. वहीं एक्सपर्ट ये भी मानते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ पर नरमी रख सकते सकते हैं, जिसकी वजह से सोने की कीमत में गिरावट देखने को मिलेगी.