हाथ-पैर में सूजन और यूरिन का रंग गहरा? ये किस बीमारी के लक्षण होते हैं?

अगर आपके हाथ-पैरों में अचानक सूजन दिखने लगे या यूरिन का रंग सामान्य से ज्यादा गहरा हो, तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है. समय रहते इन संकेतों को समझना और जांच करवाना जरूरी है. आइए जानते हैं कि इसके पीछे की वजह क्या हो सकती है.

हाथ-पैर में सूजन और यूरिन का रंग गहरा? ये किस बीमारी के लक्षण होते हैं?

अगर आपको हाथ-पैर में अचानक सूजन आने लगी है या यूरिन का रंग सामान्य से ज्यादा गहरा दिख रहा है, तो इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है. ये लक्षण किडनी से जुड़ी किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा करते हैं. दरअसल, जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में पानी और टॉक्सिक पदार्थ जमा होने लगते हैं. इसका असर सबसे पहले हाथ-पैरों की सूजन और यूरिन के रंग पर दिखाई देता है. सामान्य स्थिति में किडनी शरीर से टॉक्सिक तत्व और अतिरिक्त पानी बाहर निकालती है. लेकिन जब वह सही तरीके से काम नहीं कर पाती, तो ये लक्षण उभरते हैं. .

किडनी हमारे शरीर का फ़िल्टरिंग सिस्टम है, जो खून को साफ करके टॉक्सिक पदार्थों को यूरिन के ज़रिए बाहर निकालती है. जब ये अंग सही तरह से काम नहीं करता, तो शरीर में टॉक्सिन्स और पानी जमा होने लगता है, जिससे सूजन, हाई ब्लड प्रेशर और कमजोरी जैसी दिक्कतें सामने आती हैं. किडनी की बीमारी का असर सिर्फ यूरिन पर ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर के कामकाज पर पड़ता है. इससे हड्डियों की मजबूती कम हो सकती है, खून की कमी हो सकती है और हार्ट की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. अगर बीमारी बहुत बढ़ जाए, तो व्यक्ति को डायलिसिस कराना पड़ता है या फिर किडनी ट्रांसप्लांट तक की जरूरत पड़ सकती है. इसलिए समय रहते बीमारी को पहचानना और इलाज करवाना बेहद जरूरी होता है.

क्या हैं किडनी की बीमारी के लक्षण?

सफदरजंग अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग में डॉ. हिमांशु वर्मा बताते हैं कि किडनी की बीमारी धीरे-धीरे विकसित होती है और शुरुआत में इसके लक्षण बहुत सामान्य लग सकते हैं. अक्सर लोग इन्हें थकान, डिहाइड्रेशन या कमजोरी समझकर अनदेखा कर देते हैं. लेकिन अगर आप इन लक्षणों को गंभीरता से लें, तो समय रहते इलाज संभव है. सबसे सामान्य लक्षण है हाथ-पैर और चेहरे पर सूजन आना. इसके अलावा यूरिन का रंग गाढ़ा होना, झागदार यूरिन आना या बार-बार पेशाब करने की जरूरत महसूस होना भी संकेत हैं.

कुछ मामलों में पेशाब कम आने या पूरी तरह रुक जाने की शिकायत भी देखी जाती है. भूख कम लगना, बार-बार उल्टी जैसा महसूस होना, थकावट रहना और सांस फूलना भी किडनी की बीमारी के लक्षण हो सकते हैं. शरीर में खुजली, हाई ब्लड प्रेशर और फोकस की कमी भी इसके संकेत हो सकते हैं. अगर ये लक्षण लगातार बने रहें, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है.

कैसे करें बचाव?

भरपूर पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखें.

समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाते रहें.

बहुत अधिक नमक, तला-भुना या पैकेज्ड फूड खाने से बचें और हेल्दी डाइट लें.

धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें.

रोजाना थोड़ी देर एक्सरसाइज या वॉक करें.

बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें.

यूरिन या शरीर में कोई बदलाव दिखे तो जल्द जांच कराएं.

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