सर्व पितृ अमावस्‍या के दिन क्‍या करें और क्‍या ना करें? जानें पूर्वजों को प्रसन्‍न करने का तरीका!


Mahalaya Amavasya 2025 date: अश्विन मास की अमावस्‍या को सर्व पितृ अमावस्‍या या महालया अमावस्‍या कहते हैं. यह दिन पितृ पक्ष का आखिरी दिन होता है. इसी दिन पितरों को विदाई दी जाती है. इस साल पितृ अमावस्‍या 21 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन ज्ञात-‍अज्ञात पितरों के लिए भी श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है. ब्राह्मण भोज करवाकर दान-पुण्‍य कराया जाता है. धर्म-शास्‍त्रों में बताया गया है कि सर्वपितृ अमावस्‍या के दिन क्‍या करना चाहिए और क्‍या नहीं.

सर्वपितृ अमावस्‍या पर शुभ योग
इस साल सर्व पितृ अमावस्या 20 सितंबर की रात 12:17 से शुरु होगी, जो 21 सितंबर तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार महालया अमावस्या या सर्वपितृ अमावस्‍या 21 सितंबर को मनाई जाएगी. इस साथ पितृ अमावस्‍या पर पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र और चतुष्पद करण बन रहा है.

सर्व पितृ अमावस्‍या पर क्‍या करना चाहिए?
– सर्व पितृ अमावस्या के दिन सभी भूले-बिसरे पितरों को याद करके श्राद्ध, तर्पण और ब्राह्मण-भोजन आदि अनुष्‍ठान कराएं. पंचबली श्राद्ध करें यानी कि कौआ, कुत्‍ते, गाय और चींटी के लिए भी भोजन निकालें.

– सर्वपितृ अमावस्‍या की शाम को पितरों को विदा दें. इसके लिए भोजन, मीठा, पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं. तेल का चारमुखी दीपक जलाएं. पितरों के प्रति आभार व्‍यक्‍त करते हुए उनसे कृपा करने की प्रार्थना करें.

– पितृदोष से बचने के उपाय करने के लिए पितृ अमावस्‍या और पितृ पक्ष उत्‍तम होता है.

– गरीबों को दान जरूर दें.

– गीता के सप्तम अध्याय का 7 बार पाठ करके उसका फल अपने पितरों को समर्पित करें और ईश्वर से उनकी मुक्ति की प्रार्थना करें.

सर्वपितृ अमावस्‍या के दिन क्‍या नहीं करना चाहिए?

– सर्वपितृ अमावस्‍या के दिन लहसुन-प्‍याज, मांस-मदिरा आदि का सेवन करने की भारी भूल ना करें. पितरों की नाराजगी बहुत कष्‍ट देगी.

– किसी भी बुजुर्ग का अपमान ना करें. ना किसी से झूठ बोलें, ना मन में बुरे विचार लाएं.

– श्‍मशान घाट या किसी सुनसान जगह पर जाने से बचें.

– ब्रह्मचर्य का पालन करें.

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